पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन के अंदर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और पोस्टर दिखाए. इन पोस्टरों पर प्रधानमंत्री के द्वारा पंजाब के बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए जारी की गई 1600 करोड़ रुपए की रकम को जुमला बताया गया और केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ नाइंसाफी करने और पंजाब से नफरत करने के आरोप भी सदन में लगाए गए.
सदन के बाहर पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस प्रधानमंत्री की एजेंट बनकर बीजेपी का प्रोजेक्ट चला रही है. सदन में बीजेपी के दोनों विधायक गायब थे.
केंद्र द्वारा घोषित धनराशि का एक भी पैसा पंजाब सरकार को नहीं मिला
बाढ़ पर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र चल रहा है. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सदन में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि केंद्र द्वारा घोषित धनराशि का एक भी पैसा पंजाब सरकार को नहीं मिला. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों ने “मोदी जी का 1600 करोड़ का जुमला” लिखे पोस्टर लेकर हंगामा किया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बार भी मजाक किया. जब वे पठानकोट आए, तो बाढ़ में अपने चार बच्चे खोने वाले परिवार से नहीं मिले. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री पंजाब से नफरत करते हैं और आने वाले समय में लोग बीजेपी को सबक सिखाएंगे.

कांग्रेस भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि कांग्रेस भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही है और फंड न देने का दावा कर रही है. चीमा ने पूछा कि रेत खनन के लिए नदी किनारे जमीन किसने खरीदी और वे नोटिस से क्यों डर रहे हैं?
आज इसी सत्र में, सिंचाई मंत्री बीरेंद्र गोयल ने बाढ़ पर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये की नाममात्र राशि भी उपलब्ध न कराने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की आलोचना की गई. उन्होंने 20,000 करोड़ रुपये की सहायता का भी प्रस्ताव रखा.
विपक्षी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सवाल किया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब सरकार के पास 12,000 करोड़ रुपये पड़े होने का दावा क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि 1500 करोड़ रुपये पड़े हैं. सदन को बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या मुख्यमंत्री. पंजाब को सच बताना चाहिए. बाजवा ने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री गए थे, उसी दिन मुख्यमंत्री अस्पताल में भर्ती थे.
बाजवा ने आगे कहा कि पूरा पंजाब जलमग्न हो गया है. अब यह रंगला पंजाब नहीं, बल्कि कंगला पंजाब बन गया है. बाजवा ने कहा कि बाढ़ की पूरी जांच होनी चाहिए. इससे पहले सिंचाई मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए और सिंचाई विभाग के सचिव कृष्ण कुमार को निलंबित किया जाना चाहिए.
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