जालंधर. पंजाब में बाढ़ का कहर जारी है और जालंधर में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। शाहकोट, नकोदर और फिल्लौर जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लोग सरकारी मदद की बाट जोह रहे हैं। लेकिन इस संकट के बीच जालंधर के सांसद चरणजीत सिंह चन्नी अपनी अनुपस्थिति को लेकर चर्चा में हैं। स्थानीय लोग उन्हें ‘लापता सांसद’ कहकर पुकार रहे हैं, क्योंकि वे अपने संसदीय क्षेत्र के बजाय चमकौर साहिब में सक्रिय दिख रहे हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में जालंधर की जनता ने चरणजीत चन्नी को रिकॉर्ड वोटों से जिताया था, लेकिन अब लोग उनसे नाराज हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उनकी अनुपस्थिति से जनता में रोष है। दूसरी ओर, चन्नी चमकौर साहिब में राहत कार्यों में हिस्सा लेते हुए दिख रहे हैं। उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे मिट्टी की बोरियां भरते और ट्रैक्टर चलाते नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोग इसे ‘नाटक’ करार दे रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि जालंधर के लोग, जिन्होंने उन्हें चुना, उनकी सुध क्यों नहीं ली जा रही।
जालंधर की जनता की नाराजगी और चन्नी की कार्यशैली से कांग्रेस पार्टी भी असंतुष्ट दिख रही है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के महासचिव (संगठन) कैप्टन संदीप संधू ने एक पत्र जारी कर चन्नी का नाम लेते हुए उन्हें हाईकमान के निर्देशों के अनुसार जालंधर में सक्रिय रहने की अपील की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर चन्नी की यह कार्यशैली जारी रही, तो 2027 के विधानसभा चुनावों में जालंधर के नौ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हो सकता है।

पत्र जारी होने के बाद चन्नी ने नकोदर और शाहकोट का हवाई दौरा किया और बाढ़ राहत कार्यों की वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की। हालांकि, जनता इसे महज औपचारिकता मान रही है। लोग कह रहे हैं कि चन्नी ने चुनाव के दौरान हर समय जनता के साथ खड़े रहने का वादा किया था, लेकिन संकट की इस घड़ी में वे गायब हैं। यहां तक कि स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी भी उनसे मिलने के लिए तरस रहे हैं।
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