पंजाब के स्कूलों में अब केवल पढ़ाई ही नहीं होगी, बल्कि खिलाड़ी भी तैयार होंगे। इसके लिए सरकार 2000 के करीबी पीटीआई शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी में है।
खास बात यह कि इन पदों पर 20 से 30 फीसदी खिलाड़ियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों में छिपे टैलेंट को शुरू पहचान जा सकें।
शिक्षा विभाग इस भर्ती के लिए नए नियम तैयार कर रहा है। विभाग का दावा है कि जल्दी ही नए नियम तैयार कर लिए जाएंगे। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। मेरिट के आधार पर शिक्षक चुने जाएंगे।
पंजाब सरकार का फोकस केवल बच्चों की पढ़ाई तक ही नहीं है बल्कि उनके ओवर ऑल विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार जहां शिक्षकों को सिंगापुर व आईआईएम अहदाबाद से ट्रेनिंग दिलवा रही है। वहीं, शिक्षकों की अंग्रेजी सुधारने के लिए विशेष वर्कशॉप आयोजित की गई।
अब प्राइमरी स्कूलों में पीटीआई शिक्षकों के पदों को भरने का फैसला लिया गया है। कोशिश यही की जा रही है पहली कक्षा से विद्यार्थियों को खेल मैदान में टैलेंट दिखाने का मौका दिया जाए। उनकी प्रतिभा को निखारा जाए, ताकि आने वाले समय में पंजाब का खेलों के क्षेत्र में वर्चस्व बन पाए। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह का कहना है कि सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए काम कर रही है। आने समय में इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
पंजाब में केवल 35 खेलों को है मान्यता
पंजाब सरकार ने दो दिन पहले अपनी खेल पॉलिसी जारी की है। इसमें सरकार ने 35 खेलों को ही ग्रेडेशन के लिए मान्यता दी है। इन खेलों के आवाला ओलंपिक, एशियाई, और कॉमनवेल्थ खेलों को भी ग्रेडेशन होगी। इन गेमों में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, क्रिकेट, साइकलिंग, जिम्नास्टिक, फुटबाल, हॉकी, हैंडबाल, जूडो, खो-खो, लॉन टेनिस, नेशनल और सर्किल स्टाइ कबड्डी, बॉस्किंग,रेसलिंग, स्वीमिंग, टेबल टेनिस, वालीबाल, वेटलिफ्टिंग, शूटिंग, आर्चरी, इक्वेस्ट्रीयन, फेसिंग, रोइंग, सॉफ्टबॉल, नेटबॉल, रोलर स्केटिंग, कैनॉइंग,पावरलिफ्टिंग, बॉडी बिल्डिंग, याचिंग, गोल्फ, चेस, गतका व किक बॉक्सिंग शामिल है। खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर का कहना है कि पेरेंटस केवल उन्हीं गेमों में बच्चों को लेकर जाए, जो सरकार की सूची में शामिल है। वरना बाद में सरकार चाहकर भी उनकी मदद नहीं कर पाएगी।