नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले 7 सालों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकारी स्कूल की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव आया है. पिछले 7 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लागू किए गए विभिन्न शिक्षा सुधारों की चर्चा आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. गुरुवार को पंजाब सरकार के स्कूलों के 170 टीचर्स और एजुकेटर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने SCERT डायरेक्टर के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के स्कूलों का दौरा किया और हैप्पीनेस क्लास सहित विभिन्न टीचिंग-लर्निंग एक्टिविटीज को देखा. ये सभी 29 जुलाई को त्यागराज स्टेडियम में हैप्पीनेस उत्सव के समापन समारोह में भी शामिल होंगे.
पंजाब सरकार के स्कूल के टीचर्स और एजुकेटर्स ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का किया दौरा
प्रतिनिधिमंडल के स्कूल विजिट के बाद गुरुवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कालकाजी स्थित वीर सावरकर सर्वोदय विद्यालय में मुलाकात की और उन्हें ध्वजवाहक के रूप में पंजाब की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया. शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज हम शिक्षा के क्षेत्र में जो कुछ भी करते हैं, उसका उद्देश्य देश की तरक्की होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में हमने शिक्षा पर काम करना शुरू किया, तो हमारी टीम ने स्कूलों प्रमुखों और शिक्षकों के साथ लगातार बातचीत की. दिल्ली सरकार के स्कूलों में आए बदलाव और हमारे माइंडसेट करिकुलम प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के इनोवेटिव आइडियाज के कारण ही संभव हो सके.
हमें विकसित देशों के शिक्षा मॉडल्स को स्टडी करने की जरूरत- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में हमारे स्कूल प्रमुख और शिक्षकों ने काम किया, अब ठीक उसी तरह पंजाब सरकार के स्कूलों के टीचर्स को एक “शिक्षा मंत्री” की तरह सोचने और पंजाब में शिक्षा क्रांति लाने की जरूरत है. उन्होंने शिक्षकों को सुझाव दिया कि वे हमेशा पंजाब के शिक्षा मंत्री के संपर्क में रहें और उन्हें अपने इनोवेटिव आइडियाज भेजते रहें. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि यूके, यूएसए, जापान और फिनलैंड जैसे कई देश हैं, जो आज अपनी मजबूत शिक्षा प्रणाली के कारण विकसित देशों की श्रेणी में हैं और पूरी दुनिया इनसे प्रेरणा लेती है. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा इतिहास राजनीतिक दृष्टिकोण से, प्रशासनिक दृष्टिकोण से, आर्थिक दृष्टिकोण से पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन कभी भी इतिहास को शिक्षा के दृष्टिकोण से नहीं पढ़ाया गया. सिसोदिया ने कहा कि न ही इतिहास में कभी ये पढ़ाया गया कि किसी भी देश के विकास में शिक्षा की क्या भूमिका रही.
पंजाब के लोगों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट बहुत पहले से ही- मनीष सिसोदिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम अब दिल्ली के स्कूलों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम लागू कर रहे हैं, लेकिन पंजाब के लोगों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट बहुत पहले से ही है. वे उस समय में भी व्यापार करते थे, जब सड़क और परिवहन जैसी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं नहीं थीं. वे झारखंड और छत्तीसगढ़ से लौह अयस्क ले जाते थे और पंजाब में अपने कारखानों में उपकरण बनाते थे. आज के दौर में भी पंजाब को बस शिक्षा के माध्यम से स्टूडेंट्स में ग्रोथ माइंडसेट को कुशलता से डेवलप करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की टीम ने दुनियाभर में शिक्षा के विभिन्न मॉडलों को स्टडी किया, दिल्ली में शिक्षा की जमीनी जरूरतों को समझा और फिर यहां का शिक्षा मॉडल तैयार किया किया. दिल्ली कट एंड पेस्ट मॉडल नहीं था और न ही पंजाब होगा. पंजाब के शिक्षकों को राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं पर काम करने और वहां के लिए अपने स्वयं के शिक्षा मॉडल को डिजाइन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह देश तभी समृद्ध होगा, जब “शिक्षा” सभी राजनीतिक दलों की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.
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दिल्ली सरकार के स्कूलों में पंजाब सरकार के स्कूल के शिक्षकों का अनुभव
पंजाब सरकार के स्कूल के शिक्षक दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अपने दौरे से बेहद खुश थे. उन्होंने छोटे समूहों में दिल्ली सरकार के 35 स्कूलों का दौरा किया. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने शिक्षकों और छात्रों के साथ बातचीत की और माइंडसेट पाठ्यक्रम की कक्षाओं में भी भाग लिया. शिक्षकों में से एक ने साझा किया, “दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों के बीच ओनरशिप की जो भावना है, मैं उससे बेहद प्रभावित हुआ. दिल्ली के स्कूल के टीचर्स ने हमें अपना स्कूल ऐसे दिखाया, जैसे यह उनका घर हो. दूसरी ओर यहां छात्रों को भी अपने स्कूल पर बहुत गर्व है.
पंजाब के स्कूलों में भी गाइडेंस और बातचीत की प्रथाओं को शुरू करने की इच्छा
एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हैप्पीनेस करिकुलम और एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति है. “मैं छात्रों के आत्मविश्वास और उनकी खुलकर बात करने की क्षमता को देखकर चकित रह गया. वे जानते हैं कि वास्तव में उन्हें क्या सिखाया जा रहा है और यह शिक्षा भविष्य में उनकी मदद कैसे करेगी, क्योंकि उन्हें सही मार्गदर्शन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि “मैं पंजाब के स्कूलों में भी गाइडेंस और बातचीत की ऐसी प्रथाओं को शुरू करना चाहूंगा.” उल्लेखनीय है कि पंजाब से आया ये प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को “हैप्पीनेस करिकुलम” के 4 साल पूरे होने के जश्न के रूप में त्यागराज स्टेडियम में हैप्पीनेस उत्सव के समापन समारोह का हिस्सा भी बनेंगे.
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