चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के सरपंच और पंच विदेश यात्रा पर जाने से पहले सरकारी अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने इस संबंध में सभी जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पंचायतों के कामकाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोकना है।
13,228 सरपंच और 83,000 से अधिक पंच प्रभावित
पंजाब में वर्तमान में 13,228 सरपंच हैं, जबकि 83,000 से ज्यादा पंचायती सदस्य ऐसे हैं जिनके बच्चे विदेशों में रहते हैं। इनके लगातार विदेश आने-जाने से गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। पहले ये चुने हुए प्रतिनिधि सिर्फ पंचायत को सूचित करके चले जाते थे, लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों की तरह ‘एक्स-इंडिया लीव’ की प्रक्रिया अपनानी होगी। विदेश जाने के लिए औपचारिक आवेदन देना पड़ेगा।
विभाग के आदेशों के अनुसार, सरपंच की अनुपस्थिति में एक पंच को अंतरिम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। विदेश रवाना होने से पहले सरपंच को सारा पंचायत रिकॉर्ड उस पंच को सौंपना होगा। वापसी पर संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट देकर दोबारा कार्यभार संभालना होगा।
छुट्टी बढ़ाने की सुविधा भी
यदि कोई सरपंच विदेश में अपनी छुट्टी बढ़ाना चाहे, तो फोन या ईमेल के जरिए पूरी जानकारी भेजकर अनुमति ले सकता है। यह प्रावधान आपात स्थितियों को ध्यान में रखकर किया गया हैं।

क्या ब्लॉक और जिला स्तर पर लागू होगा?
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये नियम ब्लॉक समिति सदस्यों और जिला परिषद चेयरमैन पर लागू होंगे या नहीं। विभाग के अधिकारी इस पर आगे विचार कर रहे है।
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