Punjab-Haryana High Court: चंडीगढ़. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरदासपुर के रेंट कंट्रोलर (rent controller) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि व्यस्क बच्चों को बसाना अभिभावकों की नैतिक जिम्मेदारी होती है.
विवादित दुकान में 35 साल से चल रहा व्यवसाय
इमारत के मालिक को बच्चों के व्यवसाय के लिए इमारत की जरूरत है और ऐसे में किराएदार को इसे खाली करना ही होगा. याचिका दाखिल करते हुए गुरदासपुर निवासी बलकार सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि वह विवादित दुकान में 35 साल से अपना व्यवसाय चला रहा है. इस भूमि पर दूसरे पक्ष का कोई अधिकार नहीं है और न ही उसने कोई रेंट एग्रीमेंट किया था.
दुकान मालिक सुच्चा सिंह ने हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) को बताया कि यह दुकान उस इमारत का हिस्सा है, जिसका वह मालिक है. याची ने सन 2000 से किराए का भुगतान ही नहीं किया. इसके साथ दुकान मालिक ने बताया कि उसके दो बेटे हैं और वे इस इमारत में डिपार्टमेंटल स्टोर खोलना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें दुकान की जरूरत है और याचिकाकर्ता को दुकान खाली करने और लंबित किराए का भुगतान करने का आदेश जारी किया जाए.
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