चंडीगढ़। सेहत विभाग की ओर से राज्य के पांच बड़े शहरों में ह्यूमन मिल्क बैंक खोने जा रहे है। इन बैंकों की शुरूआत जनवरी माह से मोहाली के डा बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस से की जाएगी।

इन बैंक का उद्देश्य जन्म के आधे घंटे के भीतर मां का दूध नवजात बच्चों को मिल सके इस के लिए इन बैंकों की शुरुआत की जा रही है।

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक किसी ने किसी कारण कई बार नवजात बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पता इन बैंकों के लिए जरिए ऐसे नवजात बच्चों को मां का दूध पिलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है।


बैंकों की शुरूआत के लिए आधुनिक मशीनों की जरूरत है। जोकि महाराष्ट्र से मंगवाई जा रही है। जिन बच्चों को मां का दूध नहीं मिलता अकसर वह कुपोषित हो जाते है। कुपोषण दर को कम के लिए विभाग की ओर से बैंक स्थापित करने की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। सेहत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे नवजात बच्चों की मृत्यु दर में कमी होगी। इन बैंकों से मां का दूध उसी तरह से मिलेगा जिस तरह से ब्लड बैंक जाकर ब्लड ले सकते है। दूध को छह माह तक स्टोर किया जा सकेगा। इसके लिए पाश्चराइजेशन यूनिट, रेफ्रिजरेटर, डीप फ्रीज और आरओ प्लांट जैसी तकनीक का उपयोग कर किया जा रहा है।


मदर बैंक में दूध दान करने वाली महिलाओं की पहले एचआइवी, एचबीएसएजी, डब्लूबीआरएल जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद पहले महिला की लिखित अनुमति ली जाएगी। विभाग के मुताबिक इसके लिए बेबी ग्रुप बनाए जाएंगे। मोहाली के अलावा लुधियाना, जालंधर, पटियाला, अमृतसर में भी इन बैंकों को खोलने की योजना है। इसको लेकर जल्द ही काम शुरू किया जा रहा है।