अमृतसर. पंजाब में 2019 के लोकसभा चुनाव में अनोखा संयोग यह रहा कि पति सबसे ज्यादा अंतर से चुनाव जीते और पत्नी – सबसे कम अंतर से चुनाव जीतकर संसद भवन की सीढ़ियां चढ़ी. यह संयोग अकाली दल के – अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल – के नाम रहा है.

2019 में पंजाब की 13 सीटों में से 2 सीटों पर कांटे की टक्कर रही जबकि 7 – सीटों पर नेताओं को बड़े मार्जिन से जीत हासिल हुई थी. हरसिमरत कौर बादल, बठिंडा सीट से मात्र – 1.8 फीसदी के अंतर से कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से चुनाव जीती थीं. 2014 में भी हरसिमरत कौर कड़े मुकाबले में – अपने देवर मनप्रीत बादल से 1.65 फीसदी के अंतर से सांसद – बनी थी. इसके अलावा 2019 में जालंधर सीट पर कड़ा मुकाबला रहा. यहां संतोख चौधरी 1.9 फीसदी मार्जिन से चुनाव जीते थे.


आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी 4.3 फीसदी के अंतर से चुनाव जीते थे. होशियारपुर से केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने 4.9 फीसदी के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी. फिरोजपुर से सुखबीर बादल 17 फीसदी के सबसे बड़े मार्जिन से चुनाव जीते थे. दूसरी बड़ी जीत कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पत्नी परनीत कौर के नाम रही थी. पटियाला से परनीत कौर 13.8 फीसदी के अंतर से चुनाव जीती थी. जबकि 2014 में परनीत कौर, आम आदमी पार्टी के डा. धर्मवीर गांधी से चुनाव हार गए थे. खडूर साहिब से जसवीर सिंह डिंपा ने तीसरी बड़ी जीत 13.4 फीसदी के अंतर से जीती. चौथी बड़ी जीत अमृतसर के गुरजीत सिंह औजला 11.6 फीसदी और 5वीं बड़ी जीत 10 फीसदी मार्जिन से भगवंत सिंह मान (मुख्यमंत्री) के नाम रही थी. जबकि, 2014 में भगवंत सिंह मान ने 19 फीसदी के मार्जिन से सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी.

संगरूर में लगातार 2 बार जीत दर्ज करने में वे सफल रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू मात्र 27 फीसदी वोट हासिल करके 1.79 फीसदी के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. तब आप को 25 फीसदी, अकाली दल को 23 और लोक इंसाफ पार्टी को 20 फीसदी वोट मिले थे. वोट का ऐसा ही विभाजन पंजाब में इस बार के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. भाजपा के अलावा बसपा का किसी से गठबंधन नहीं हुआ है. आप, कांग्रेस, अकाली दल और अकाली दल अमृतसर भी मैदान में हैं. लिहाजा वोट विभाजन का ऊंट किस करवट बैठेगा यह आने वाला वक्त तय करेगा.

Sukhbir Badal and Harsimrat Kaur