Punjab News: लुधियाना. रिश्वतखोरी के मामले में पटवारी को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है. एडिशनल सेशन जज डॉ. अजीत अंतरी की अदालत ने दोषी पटवारी पर पचास हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सरकारी पक्ष के अनुसार 6 मई 2017 को पुलिस विजिलेंस ने शिकायतकर्ता नीलम के बयान पर हलका डाबा के पटवारी रविंद्र कुमार के खिलाफ करप्शन एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था. विजिलेंस की टीम ने पटवारी को तीस हजार रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ा था. नीलम ने पुलिस को बताया कि उसकी तीन लड़कियां और तीन लड़के हैं. उन्होंने मेहनत से ढाबा लोहारा रोड पर सौ गज का मकान खरीदा था. इस मकान को रामदुलारी नामक महिला को किराए पर दिया था. आरोप लगाया कि महिला ने उक्त मकान की जाली रसीदें बनवाकर मकान अपने नाम करवा लिया. इस पर महिला ने रामदुलारी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था और अदालत से जाली रजिस्ट्री भी कैंसिल कराई थी. अदालत के आदेश की कॉपी लेकर शिकायतकर्ता पटवारी को महकमा माल में मकान की मलकियती अपने नाम कराने को लेकर मिली.

आरोप था कि पटवारी ने उनसे कागजातों के खर्च का बहाना बनाकर सात हजार रुपए ले लिए. फिर बार-बार चक्कर लगाने पर भी इतकाल उसके नाम नहीं करवाया. इसके एवज में 50 हजार रुपए की मांग की गई. बाद में सौदा तीस हजार रुपए में हुआ. शिकायतकर्ता रिश्वत देकर काम नहीं कराना चाहती थी जिस पर पटवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया. ट्रायल के दौरान सबूतों के आधार पर अदालत ने पटवारी को दोषी माना और पांच साल कारावास की सजा सुनाई.