फतेहगढ़ साहिब। गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी के अंतिम संस्कार के लिए सोने की मुहरें देकर जमीन खरीदने वाले दीवान टोडरमल की जहाजी हवेली के पुनर्निर्माण पर रोक का मामला करीब 13-14 साल से हाईकोर्ट में चल रहा है. अब इसका रखरखाव देख रही संस्था दीवान टोडरमल विरासती फेडरेशन और एसजीपीसी और हवेली मामले में याचिका दायर करने वाले हाईकोर्ट के वकील हरि चंद्र अरोड़ा के बीच सहमति गई है.

एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर धामी ने सहमति प्रकट की है कि वह हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा की ओर से दायर याचिका पर एग्रीमेंट तैयार कर पंजाब सरकार को सौंपेंगे, ताकि रुका हुआ कार्य पुरातत्व विभाग पंजाब के साथ मिलकर पूरा हो सके. गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब पहुंचे वकील एचसी अरोड़ा और दीवान टोटल मलिक फाउंडेशन के प्रमुख लखविंदर ने बताया की हवेली के चल रहे कार्य पर रोक लगाई गई थी.