चंडीगढ़। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब सरकार के हेल्थकेयर मॉडल ‘आम आदमी क्लीनिक’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान को भारत के लिए गौरव का क्षण बताया. साथ ही उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र सरकार से आयुष्मान निधि के 621 करोड़ रुपए जारी करने की अपील की.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 से आयुष्मान योजना के तहत पंजाब राज्य को अनुदान जारी करना बंद कर दिया था. प्रासंगिक रूप से पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को 14-16 नवंबर को नैरोबी में आयोजित वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखला शिखर सम्मेलन में ‘दवाओं की अंतिम मील वितरण को मजबूत करनाः पंजाब से एक केस स्टडी’ शीर्षक से प्रस्तुतीकरण के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुल 85 देशों में से कम से कम 40 देशों ने आम आदमी क्लीनिक देखने और यह समझने के लिए पंजाब का दौरा जनता के लिए खोलने के लिए तैयार हैं, जबकि मुख्यमंत्री ने होशियारपुर, पठानकोट और गुरदासपुर सहित वंचित कंडी क्षेत्रों में 70 अतिरिक्त करने में गहरी रुचि दिखाई है. Read More – अच्छी खबर : पंजाब में नेशनल हाईवे पर टोल में दिव्यांगों को 100% मिलेगी छूट, मान सरकार ने दी सौगात

आम आदमी क्लीनिक स्थापित करने को भी हरी झंडी दे दी है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने दवाएं खरीदने की भी मंजूरी दे दी है, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी को भी निजी फार्मेसियों से देशों के प्रतिनिधि हमारे स्वास्थ्य सेवा मॉडल को अपने देशों में दोहराने के लिए यहां आना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार को भी हमारा समर्थन करना चाहिए और लोगों के कल्याण के लिए धन जारी करना चाहिए. पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है कि आम आदमी क्लीनिक को राज्य की योजना माना जाए और इस योजना के लिए आयुष्मान फंड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से धन की कोई कमी नहीं रखी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में 100 और आम आदमी क्लीनिक दवाएं नहीं खरीदनी पड़ेंगी. डॉ. सिंह ने कहा कि जिला, उप-विभागीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) सहित लगभग 40 माध्यमिक देखभाल स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए 550 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है. सभी अस्पतालों की उन्नत इमारतें गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू), वेंटिलेटर, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि सहित अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होंगी और लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए निजी अस्पतालों में जाने की जरुरत नहीं होगी.