Punjab News: चंडीगढ़ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में झूठा एफिडेविट देने के मामले में चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने माच्छीवाड़ा, जिला लुधियाना के एक युवक को 3 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उस पर 4 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.
दोषी युवक अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शादी कर हाईकोर्ट में प्रोटेक्शन लेने आया था. उसने कोर्ट में एफिडेविट दिया था कि यह उसकी पहली शादी है. लेकिन तभी कोर्ट में उसकी पहली बीवी अपने बच्चे के साथ पहुंच गई थी. महिला ने अपने पति की असलियत कोर्ट को बता दी. इसके बाद कोर्ट ने उस युवक के खिलाफ इंक्वायरी के ऑर्डर किए. फिर उसके खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस चला. पांच साल केस चलने के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जसप्रीत सिंह मिन्हास की कोर्ट ने युवक को आईपीसी की धारा 193,199 व 209 के तहत दोषी करार दिया और उसे सजा सुनाई.
कोर्ट ने उसे अपील दायर करने का समय देते हुए जमानत दे दी. युवक की गर्लफ्रेंड के खिलाफ भी कोर्ट में केस चला. लेकिन उसे कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. उसका केस लड़ने वाले एडवोकेट अंकुर चौधरी ने बहस के दौरान कहा कि लड़की को पता ही नहीं था कि दोषी युवक पहले से शादीशुदा है. इसके अलावा ऐसा कोई सबूत या गवाह भी सामने नहीं आया, जिससे ये साबित हो सके कि लड़की को युवक की पहली शादी के बारे में पता हो.
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