लुधियाना. शहर के ट्रैफिक पुलिस (traffic police) ने ओवरस्पीड (overspeed) के चालान पिछले काफी महीनों से काटना बंद कर दिया था, लेकिन अब नई तैयारियों के साथ फिर से शुरू किया गया है, जिसमें शहर में ओवरस्पीड गाड़ी चलाने पर ट्रैफिक पुलिस चालान के साथ स्वागत करेगी.

मार्च के दूसरे हफ्ते में दोबारा शुरू किया गया है. सिर्फ मार्च महीने में ही स्पीड राडार की सहायता से पुलिस ने ऐसे 230 वाहन चालकों को पकड़ा है जो तय गति से अधिक स्पीड पर वाहन को चला रहे थे. ट्रैफिक पुलिस के स्पीड राडार आधा किलोमीटर दूर से ही वाहन चालकों की गति का पता लगाने में सक्षम है. इसके साथ ही वाहन की फोटो भी उसकी स्पीड के साथ क्लिक कर ली जाती है ताकि बाद में कोई वाहन चालक अपनी कम या ज्यादा स्पीड को लेकर विवाद न खड़ा कर सकें.

लगातार कार्रवाई के बाद भी स्पीड पर लगाम नहीं

ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोजाना 20 से 25 चालान किए जा रहे हैं. ताज्जुब की बात यह है कि जिन प्वाइंटों पर वाहन चलाने की अधिकतम स्पीड 90 है, वहां पर लोग 140 तथा 150 की स्पीड से गाड़ियां हवा की गति से चला रहे हैं. पुलों पर यह स्पीड 40 या 60 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है, वहां पर भी लोग दोगुनी स्पीड से वाहन दौड़ा रहे हैं.

यह है ओवरस्पीड का जुर्माना

ओवरस्पीड वाहन का चालान करने के बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा उसे भुगतान के लिए अदालत या आरटीए ऑफिस भेजा जाता है. जहां एक पहली बार गलती करने पर एक हजार तथा दूसरी बार गलती करने पर 2 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसैंस भी 3 माह के लिए सस्पैंड किया जा सकता है.

जिले में है कुल 131 ब्लैक स्पॉट्स

जिले में कुल 131 ब्लैक स्पॉट्स भी मार्क किए गए है, जहां सड़क हादसों में अधिक जानें जाती है. इनमें 91 ब्लैक स्पाट्स लुधियाना कमिशनरेट, 27 खन्ना तथा 13 ब्लैक स्पाट्स लुधियाना देहाती (जगराओं) में है जबकि पंजाब के कुल ब्लैक स्पाट्स की संख्या 784 है.

ओवरस्पीड अधिकतर सड़क हादसों का कारण

ओवरस्पीड अधिकतर हादसों का कारण भी बन रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 55.9 फीसदी सड़क हादसों में मुख्य कारण वाहन को ओवरस्पीड पर चलाना ही रहा है. हालांकि, पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जाता है. लेकिन लोग सड़कों पर हवा की गति से वाहन चला रहे हैं.

पड़ोसी राज्यों में ऑटोमैटिक चालान

वहीं पड़ोसी राज्यों जैसे हिमाचल, हरियाणा में ओवरस्पीड पर लगाम कसने के लिए ऑटोमेटिक सैंसर तथा स्पीड राडार फिट किए गए हैं, जिनकी सहायता से ओवरस्पीड वाहनों के चालान वाहन मालिक के रजिस्टर्ड पते पर पहुंच जाते हैं, व ऑनलाइन पोर्टल पर वाहन की आरसी लॉक कर दी जाती है. चालान के भुगतान के बाद ही ऑनलाइन पोर्टल पर वाहन की आरसी को ओपन किया जाता है.

वाहन चालक करें नियमों का पालन

डीसीपी ट्रैफिक वरिन्द्र बराड़ का कहना है कि जिन प्वाइंटों पर अधिक सड़क हादसों की संभावना है, वहां पर स्पीड राडार तैनात कर वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें ओवरस्पीड से होने वाले नुक्सान से बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि सड़कों को सफर के लिए सुरक्षित बनाया जा सके. उन्होंने लोगों से सड़कों पर वाहन चलाते समय नियमों का पालन जरूर करने की अपील की है.