चंडीगढ़। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति 10145.95 करोड़ रुपए के ऐतिहासिक राजस्व वसूली के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तय की गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर की गई इस नीति के अंतर्गत शराब के व्यापार को स्थिर करने और इस दिशा में सुधार करने के लिए महत्त्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. Read More – बिग बॉस फेम अभिनेत्री के पिता को मिली जान से मारने की धमकी, 50 लाख रुपए फिरौती भी मांगी

नई आबकारी नीति संबंधी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बीते 2 वर्षों के दौरान कर और आबकारी विभाग की ओर से शुरू किए गए सुधारों को जारी रखते हुए प्रचून बिक्री लाइसेंस एल-2/एल-14ए की ताजा अलाटमैंट ड्रा की ओर से की जाएगी. उन्होंने कहा कि लाइसेंसों के लिए समूह का आकार रणनीतिक तौर पर कम कर दिया गया और प्रक्रिया को उचित बनाने के लिए एक अनुकूल लाइसेंस फीस की शुरूआत की गई है.

वित्त मंत्री चीमा ने आगे कहा कि साल 2024-25 के लिए ग्रुपों का आकार घटाते 15 प्रतिशत कम या अधिक के अंतर के साथ 35 करोड़ रखा गया है. उन्होंने बताया कि एडजस्टेबल लाइसेंस फीस रुपए की दर से वसूली गई है. प्रचून आईएमएफएल/आईएफएल के पास जारी करने के लिए 200 रुपए प्रति प्रूफ लीटर और प्रचून बीयर के पास जारी करते समय 50 रुपए प्रति बल्क लीटर लाइसेंस फीस रखी गई है. अतिरिक्त राजस्व जुटाने और देसी शराब की अपेक्षित उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए वित्तीय साल 2024-25 में देसी शराब (पीएमएल) के कोटे में पिछले साल की अपेक्षा 3 प्रतिशत भाव 8.286 करोड़ प्रूफ लीटर का विस्तार किया गया है और साल 2024-25 में देसी शराब की कीमत में कोई बढ़ावा नहीं होगा.

पुलिस संगठनों को राहत देते हुए एल-1 की लाइसेंस फीस 5 लाख रुपए से घटा कर 25,000 रुपए कर दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि आयात विदेशी शराब (आईएफएल) की कीमत साल 2024-25 फीस ढांचे के तर्कसंगत होने के कारण घटेंगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सिक्योरिटी की राशि भी 17 प्रतिशत से घटा कर 15 प्रतिशत कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि यह नीति यह यकीनी बनाती है कि सभी लाइसेंस धारक लाजिमी नियमों जैसे कि ईपीएफ/ईएसआई, अग्रि सुरक्षा और इमारती नियमों की पालना करेंगे. उन्होंने कहा कि नकली शराब के मुद्दों से निपटने के लिए इस नीति के अंतर्गत आबकारी इंस्पेक्टरों की निगरानी में हुए समागम के बाद मैरिज पैलेसों में इस्तेमाल की जाती शराब की बोतलों को तोड़ना यकीनी बनाया गया है.

वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि बार लाइसेंस धारकों को अब ग्राहकों के लिए स्व-इच्छित एल्कोहल के स्तर के मुल्यांकन के लिए अलकोमीटर प्रदान करने होंगे और सुरक्षित रहो-शराब पी कर गाड़ी न चलाओ, जैसे शराब न पीने को उत्साहित करने वाले संदेश भी लगाने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि यह प्रयास मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की सार्वजनिक सुरक्षा और शराब की जिम्मेदारी से उपभोग प्रति वचनबद्धता को दिखाते हैं.