अमृतसर. पंजाब में छह साल पहले एक सड़क हादसे में बीसीए के छात्र की मौत के मामले में मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मृतक के माता-पिता को 18.50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह मुआवजा बीमा कंपनी, चालक और कार मालिक को अदा करना होगा. दुर्घटना के समय मृतक छात्र कपिल पठानकोट का निवासी था और जम्मू से पठानकोट लौट रहा था.

यह हादसा उस समय हुआ जब 23 वर्षीय कपिल कार से पठानकोट जा रहा था. विजयपुर थाना क्षेत्र के सवांखा मोड़ के पास उसकी कार गलत तरीके से खड़े ट्रैक्टर से टकरा गई. कपिल को गंभीर चोटें आईं और उसे जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और 304-ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया था.

मुआवजे की मांग

मृतक कपिल के माता-पिता, नीलम और यशपाल शर्मा ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत ट्रिब्यूनल में 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा ए एंड एम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स से बीसीए की पढ़ाई कर रहा था और परिवार का एकमात्र सहारा था. उन्होंने 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ मुआवजा मांगा.

कार मालिक ने खुद को बताया निर्दोष

दूसरी ओर, आरोपी चालक और कार मालिक ने आरोपों से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के लिए पूरी जिम्मेदारी ट्रैक्टर चालक की है, जिसने सड़क पर वाहन को गलत तरीके से पार्क किया था.

ट्रिब्यूनल का फैसला

मामले की सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने दोनों पक्षों की दलीलों और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अपना फैसला सुनाया. ट्रिब्यूनल ने कहा कि कपिल के माता-पिता को मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन 50 लाख रुपये की मांग के बजाय 18.50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया. यह मुआवजा बीमा कंपनी, चालक और कार मालिक को कपिल के माता-पिता को देना होगा.