चंडीगढ़। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीके भावरा ने आज सभी तरह की साइबर धोखाधड़ी और अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए एक इंटरफेस मल्टीफंक्शनल वेब पोर्टल ‘पंजाब पुलिस डॉट जीओवी डॉट इन’ लॉन्च किया. डीआईजी (साइबर क्राइम) नीलांबरी जगदाले और डीएसपी समरपाल सिंह की उपस्थिति के बीच वेब पोर्टल लॉन्च करने के बाद डीजीपी ने इस यूजर फ्रेंडली पोर्टल को विकसित करने के लिए पूरी टीम को बधाई दी, जिसे साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए कोई भी आसानी से एक्सेस कर सकता है.

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पंजाबी में वीडियो जिससे नए यूजर्स समझ सकते हैं पोर्टल के बारे में

विशेष रूप से नए यूजर्स के लिए इस वेब पोर्टल तक पहुंच को और अधिक आसान बनाने के लिए इसमें पंजाबी में एक सूचनात्मक वीडियो है, जो उपयोगकर्ता को इस पोर्टल की मुख्य विशेषताओं के बारे में सूचित करता है और उन्हें किसी भी तरह के साइबर अपराध के बारे में शिकायत दर्ज करने के बारे में मार्गदर्शन करता है. जब भी उपयोगकर्ता वेब पोर्टल खोलता है, तो वीडियो पॉपअप हो जाता है. डीजीपी ने कहा कि सभी प्रकार के साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी दर्ज करने के अलावा यूजर्स इस पोर्टल का उपयोग करके अपनी शिकायत की स्थिति को भी ट्रैक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पोर्टल गुमनाम रूप से शिकायत की रिपोर्ट करने का विकल्प भी देता है.

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वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए 1930 पर कॉल करने का विकल्प

पोर्टल साइबर माध्यमों से की गई किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए सीधे ‘1930’ पर कॉल करने का विकल्प भी देता है. उन्होंने कहा कि पोर्टल का उपयोग करके कोई भी साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) डाउनलोड कर सकता है. डीआईजी नीलांबरी ने कहा कि यूजर साइबर दोस्त का भी उपयोग कर सकते हैं, जोकि भारत सरकार (जीओआई) का एक ट्विटर हैंडल है, जो साइबर अपराधों के बारे में जानकारी, अपडेट और अलर्ट प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि पोर्टल में साइबर सेफ नामक एक सुविधा भी है, जिसके उपयोग से उपयोगकर्ता वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए किसी भी प्रकार के लेनदेन करने से पहले यूपीआई और खाता संख्या को सत्यापित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल भारत सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वीमेन एंड चिल्ड्रेन (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना से भी जुड़ा है, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों से संबंधित है. उन्होंने कहा कि पोर्टल पर इस सुविधा का उपयोग करके कोई भी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की रिपोर्ट कर सकता है.