दीनानगर. पंजाब के मकौरा पत्तन पर रावी नदी पर बना अस्थायी पंटून पुल हटाए जाने के चलते दीनानगर क्षेत्र के अंतर्गत नदी के पार बसे सात गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है. बरसात के मौसम और रावी नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए नहर विभाग ने लगभग 15 दिन पहले इस पुल को अस्थायी रूप से हटा दिया था. इसके चलते स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

आजादी के 78 साल बाद भी यह इलाका बुनियादी विकास से अब तक वंचित है. पहले इस इलाके में रावी नदी के पार 14 गांव बसे हुए थे, लेकिन अब केवल सात गांव बचे हैं — भड़ियाल, तूरबानी, रायपुर चिब, मम्मी चकरंगां, कजले, झुंबर और लसियाण. इन गांवों में स्थायी पुल न होने के कारण हर साल बरसात के मौसम में जनजीवन प्रभावित होता है.

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पंटून पुल के माध्यम से ग्रामीण अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के जरिए कृषि कार्यों के लिए आवश्यक सामान लाते-ले जाते थे. लेकिन अब पुल हटाए जाने से न तो सामान लाया जा पा रहा है और न ही लोग आवाजाही कर पा रहे हैं. वर्तमान में नावों के सहारे लोग नदी पार कर रहे हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ने पर नावें भी बंद हो जाती हैं, जिससे यह गांव पूरी तरह अलग-थलग पड़ जाते हैं.

हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर में नहर विभाग इस स्थान पर अस्थायी पंटून पुल लगाता है, जो नदी पार करने का एकमात्र जरिया होता है. बरसात शुरू होते ही इसे हटा लिया जाता है. स्थानीय ग्रामीण वर्षों से स्थायी पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं. निराश होकर कई परिवार यह इलाका छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल उन्हें इन्हीं हालातों का सामना करना पड़ता है. वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थायी पुल का निर्माण कराया जाए ताकि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और खेती-बाड़ी की गतिविधियां बिना बाधा के चल सकें.

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