चंडीगढ़। पंजाब के महाधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे इस्तीफे में अनमोल रतन सिद्धू ने कहा कि वह निजी कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. सिद्धू को इसी साल मार्च में इस पद पर नियुक्त किया गया था. अनमोल रतन सिंह सिद्धू पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 8 बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के चेयरमैन भी रहे हैं. पंजाब के एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर और केंद्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान करीब 10 साल तक सिद्धू असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं.

डॉ. अनमोल रतन सिद्धू ने सीएम मान को सौंपा इस्तीफा

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विनोद घई बने पंजाब के नए एडवोकेट जनरल

वहीं अनमोल रतन सिद्धू के इस्तीफे को मंजूर कर लिया गया है और अब उनकी जगह सीनियर एडवोकेट विनोद घई पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (एजी) होंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि पंजाब में पिछले 11 महीने में 4 एजी (महाधिवक्ता) बदले जा चुके हैं. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में अतुल नंदा एडवोकेट जनरल थे. कैप्टन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद उन्होंने भी सितंबर में इस्तीफा दे दिया. कैप्टन अमरिंदर के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया गया, तब सीनियर एडवोकेट एपीएस देयोल को एजी बनाया गया. उनकी नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही उन्हें हटाकर सीनियर एडवोकेट डीएस पटवालिया को एडवोकेट जनरल बनाया गया. इसके बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तब सीनियर एडवोकेट डॉ अनमोल रतन सिंह सिद्धू को एजी बनाया गया.

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विनोद घई हैं जाने-माने क्रिमिनल लॉयर

अब अनमोल रतन सिद्धू के इस्तीफे के बाद विनोद घई को नया एजी बनाया गया है. विनोद घई मशहूर क्रिमिनल लॉयर हैं और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस करते हैं. वे देश के नामी क्रिमिनल लॉयर आरएस घई के बेटे हैं. विनोद घई ने 1989 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की.