पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसका असर पंजाब के साथ-साथ चंडीगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। पंजाब में अब तक 5299 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से पिछले 10 दिनों में ही 3162 मामले दर्ज किए गए हैं। सख्ती के बावजूद पंजाब में इसे रोकना मुश्किल होता जा रहा है। इन प्रबंधों की समीक्षा के लिए एक टीम 13 नवंबर को पंजाब पहुंच रही है।


पराली जलाने के कारण चंडीगढ़ “रेड जोन” में पहुंच गया है, जबकि पंजाब के 5 जिले “ऑरेंज अलर्ट” पर हैं। शनिवार आधी रात को चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 325 और अधिकतम 408 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे अधिक AQI 280 दर्ज किया गया, जो अधिकतम 360 तक पहुंचा। अमृतसर में AQI 240 रहा, जबकि अधिकतम 312 तक पहुंच गया। इसी तरह, बठिंडा का औसत AQI 170, जालंधर 173, खन्ना 202, लुधियाना 216, पटियाला 148 और रूपनगर 225 दर्ज किया गया।

पराली प्रबंधन की जांच करेगी समिति


सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र की एक टीम पंजाब में पराली प्रबंधन की जांच के लिए आ रही है। यह टीम 13 नवंबर को पंजाब आएगी और प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण और कृषि विभागों के साथ बातचीत करके उनके प्रयासों की जांच करेगी। दरअसल, सख्ती के बावजूद पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।


पंजाब में पराली जलाने के सबसे अधिक मामले संगरूर में दर्ज किए गए हैं, जहां 887 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जबकि अमृतसर में 633 और तरनतारन में 612 मामले दर्ज हुए हैं।

पंजाब में मौसम रहेगा शुष्क


मौसम विभाग की ओर से भी राहत के कोई संकेत नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। यही कारण है कि प्रदूषण और गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। पंजाब में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से 5.8 डिग्री कम है।