पुरी भगदड़ मामला: भुवनेश्वर: पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत के बाद प्रशासनिक फेरबदल करते हुए ओडिशा सरकार ने रविवार को जिले के शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारियों को हटा दिया और पीड़ितों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की है. रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन में चूक की जिम्मेदारी लेते हुए राज्य सरकार ने पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया है.

खोरधा के मौजूदा कलेक्टर चंचल राणा को पुरी का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जबकि डीआईजी, एसटीएफ (सीआईडी-सीबी) पिनाक मिश्रा अब पुरी के पुलिस अधीक्षक के रूप में काम करेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में घोषणा की है, “चंचल राणा, आईएएस, को तत्काल प्रभाव से पुरी का कलेक्टर और पिनाक मिश्रा, आईपीएस को पुरी का एसपी नियुक्त किया जाता है.”

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पुरी भगदड़ मामला

पुरी भगदड़ मामला

पुरी भगदड़ मामला. अनुशासनात्मक कार्रवाई को और सख्त करते हुए सरकार ने डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाढी को कर्तव्य में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए तीनों मृतक श्रद्धालुओं के परिवारों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है. विकास आयुक्त की देखरेख में उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं.

यह त्रासदी जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर के पास स्थित शरधाबली में हुई, जहां भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीन रथ रुके थे.

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सुबह करीब 4:30 बजे जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्र हुए, तो भीड़ बेकाबू हो गई. कई लोग गिर गए और भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

पुरी भगदड़ मामला. पीड़ितों की पहचान प्रभाती दास, बासंती साहू और 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है, जो सभी खोरधा जिले के निवासी थे और रथ यात्रा उत्सव के लिए पुरी गए थे.

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