प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. कबीरधाम जिला पंचायत अध्यक्ष एकमात्र नामांकन की बाध्यता के चलते कांग्रेस भले ही अपना अध्यक्ष नहीं निर्वाचित करवा पाई, लेकिन उपाध्यक्ष का पद जीतकर उसने इसकी भरपाई कर दी. जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सुशीला रामकुमार भट्ट निर्विरोध निर्वाचित घोषित की गई. कवर्धा जिला पंचायत अध्यक्ष अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित था तथा इस वर्ग से जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्वाचित हुईं सुशीला भट्ट ही जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए एकमात्र उम्मीदवार थीं. सुशीला भट्ट के पति रामकुमार भट्ट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे.

कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामकृष्ण साहू के बारे में बताया जा रहा है कि वे भाजपा के संपर्क में आ जाने के चलते मतदान करने नहीं पहुंचे. कांग्रेस की ओर से जिला पंचायत सदस्यों में पुष्पा होरी लाल साहू, मीना नीलू चंद्रवंशी, रामकली ध्रुर्वे, रामकुमार पटेल, तुकाराम चंद्रवंशी, मुखिराम मरकाम  ने मतदान किया.

जिला पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव जीतकर कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बनने की काफी हद तक भरपाई कर दी. जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का निर्वाचन होने के साथ ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण हो गई. जिले में कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में आशातीत सफलता अर्जित की है. कांग्रेस ने चार जनपद पंचायत में से दो जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा व बोड़ला में अपना अध्यक्ष उपाध्यक्ष निर्वाचित करवा लिया. चुनाव का सारा दारोमदार वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर था. उन्होंने इसे अंजाम देकर एक बात फिर अपने झंडे गाड़ दिए.

जिला पंचायत के छ सदस्य ही जब कांग्रेस के लिए मतदान कने पहुंचे तो कांग्रेस के लिए जीत मुश्किल दिख रही थी. लेकिन जब नतीजा आया तो कांग्रेस की ओर से प्रदेश के दिग्गज नेता व वन मंत्री व कवर्धा के विधायक मोहम्मद अकबर की सधी रणनीति सामने आईं. इसके साथ ही जिला पंचायत भवन अकबर भैया जिंदाबाद के नारो से गूंज उठा. जिला पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस के लिए इसलिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था क्योंकि अध्यक्ष के लिए भाजपा के उम्मीदवार की जीत तय हो गई थी.