वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में आठवां और सबसे शुभ माना जाने वाला पुष्य नक्षत्र आज बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 यानी आज दोपहर 3:19 बजे तक रहेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह नक्षत्र जीवन में सुख, समृद्धि, स्थायित्व और उन्नति का पोषण करने वाला माना जाता है. इसलिए पुष्य नक्षत्र में व्यापार, निवेश, घर या वाहन खरीदने, सोना-चांदी लेने और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है.

‘पुष्य’ का अर्थ ही है – पोषण करने वाला या शक्ति प्रदान करने वाला और इसका प्रतीक गाय का थन है, जो समृद्धि और पालन-पोषण का द्योतक है. इसका स्वामी ग्रह शनि है, जबकि अधिष्ठाता देवता देवगुरु बृहस्पति हैं. यही कारण है कि यह नक्षत्र स्थायित्व, ज्ञान और शुभता का संगम कहलाता है.
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को ‘नक्षत्रों का सम्राट’ कहा गया है, क्योंकि इस काल में किए गए कार्यों में सफलता के योग कई गुना बढ़ जाते हैं. शनि और बृहस्पति की संयुक्त कृपा से इस समय किए गए प्रयास लंबे समय तक फलदायी रहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस अवधि में किए गए दान, पूजा या निवेश अक्षय फल देते हैं.
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