रायपुर- सूबे के मंत्री अमरजीत भगत के विशेष सहायक डाॅ.अजय शंकर कन्नौजे को राज्य शासन ने स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के सचिव के साथ-साथ एमडी का अतिरिक्त दायित्व सौंपा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि खाद्य विभाग ने इस नियुक्ति के पहले स्वास्थ्य विभाग से किसी तरह की एनओसी नहीं ली. जबकि कन्नौजे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैं. प्रतिनियुक्ति पर उनकी सेवाएं सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन है, लेकिन आलम देखिए कि वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन में उनकी नियुक्ति का आदेश खाद्य विभाग जारी कर रहा है. 

वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन में कन्नौजे की नियुक्ति के बाद यह सवाल उठ रहा है कि किन नियमों के तहत खाद्य विभाग ने बगैर स्वास्थ्य की एनओसी के नियुक्ति आदेश जारी कर दिया. बताते हैं कि अमरजीत भगत के मंत्री बनने के बाद उन्होंने जीएडी के जरिए कन्नौजे को अपनी निजी स्थापना में लाए जाने की मांग की थी. जीएडी ने स्वास्थ्य विभाग से इसकी एनओसी ली थी.
 
स्वास्थ्य महकमे से जुड़े आला अधिकारी बताते हैं कि डाॅ.कन्नौजे को अनुमति मंत्री की निजी स्थापना के लिए दी गई थी. ऐसे में नियमों को नजरअंदाज कर खाद्य विभाग की ओर से उन्हें स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन की जिम्मेदारी सौंपा जाना समझ से परे हैं. इस नियुक्ति से पहले विभाग से किसी तरह की समन्वय नहीं किया गया.
इधर इस नियुक्ति पर खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लल्लूराम डाॅट काम से कहा कि डाॅ. कन्नौजे प्रतिनियुक्ति पर खाद्य विभाग में हैं. उन्हें वर्तमान पदस्थापना के साथ उन्हें वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. 
अजय कन्नौजे की प्रतिनियुक्ति का आदेश 6 जुलाई 2019 को स्वास्थ्य विभाग से लेते हए सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव जे एस राजपूत ने आदेश जारी किया था, जिसमें उनकी सेवाएं मंत्री अमरजीत भगत की निजी स्थापना में की गई थी. मंत्रालय से जुड़े आला अधिकारी बताते हैं कि कन्नौजे की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर जीएडी के अधीन हैं, ऐसे में खाद्य विभाग की तरफ से नई जिम्मेदारी दिए जाने का आदेश अवैधानिक है.
पूर्व में जारी आदेश की काॅपी-