वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है. उनका आरोप है कि उनके बेटे के  साथ भी मुंबई पुलिस ने मारपीट की है.

 रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूज चैनल के खिलाफ मुंबई पुलिस की साजिश जारी है. बुधवार की तड़के सुबह फोर्स के अधिकारी अचानक एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के आवास पर पहुंचे और बिना किसी दस्तावेज के, अर्नब के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के एक पुराने केस में गिरफ्तार कर लिया जो बंद हो चुका था और अपने साथ ले गई.

सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा…

जब अर्नब को जबरदस्ती पुलिस वैन में बिठाया जा रहा था, तब उन्होंने कैमरे को देखकर कुछ बोलने की कोशिश की. वैन की खिड़की से उन्होंने बोला- “उन्होंने मेरे बेटे के साथ मारपीट की. मेरे रिश्तेदारों से मिलने नहीं दिया. मेरे साथ मेरे घर में मारपीट की गई. मैं चाहता हूं कि भारत की न्याय व्यवस्था और देश के लोग इसे देखें.”

सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर और अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने कहा कि पुलिस ने अर्नब गोस्वामी के साथ गलत व्यवहार किया और जांच अधिकारी ने अर्नब को ये कहते हुए धमकी दी कि “मैं कुछ भी कर सकता हूं.”

मुंबई पुलिस ने अर्नब को धमकाया

मुंबई पुलिस के अर्नब के आवास में प्रवेश करने पर घर के अंदर मौजूद सम्यब्रता रे गोस्वामी ने कहा, “8 बजे के करीब, लगभग 10 पुलिसकर्मी अंदर आए. हम कल रात लगभग 1.15 बजे घर आए थे, इसलिए हम सो रहे थे और हमने कहा कि प्लीज हमें 10-15 मिनट दे दो. अर्नब की तबियत ठीक नहीं थी, उन्हें अपनी दवाइयों की ज़रूरत थी, लेकिन मुंबई पुलिस के लिए 20 मिनट का समय बहुत ज्यादा था, वह दरवाजा पीटते रहे.”

“हमारे कैमरे तब तक चालू नहीं थे, लेकिन उन्होंने अर्नब की पिटाई कर दी, उन्होंने अपने भी कैमरे बंद कर दिए. उन्होंने उन्हें बालों से पकड़ रखा था. अर्नब ने कहा कि उन्हें वकील चाहिए. उन्होंने मुझे कुछ कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने फिर उसे मेरे हाथ से छीन लिया और फाड़ दिया. मुझे भारत की सभी अदालतों की जरूरत है लेकिन उन्होंने कहा कि आप नहीं लिख सकते. उन्होंने अर्नब से कहा कि वे उन्हें रायगढ़ पुलिस स्टेशन ले जाएंगे. लगभग 20 मिनट तक अर्नब कहते रहे कि मुझे दवाइयां लेने दो, हम अपने माता-पिता को भी नहीं बता सके, वहां महिला पुलिसकर्मी थी जिन्होंने हमें रोका.”

इसके अलावा, जब रिपब्लिक के एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी और सीनियर एसोसिएट एडिटर संजय पाठक ने अर्नब के निवास में प्रवेश करने की कोशिश की तो उन्हें मुंबई पुलिस ने रोक दिया. 8 पुलिस वाहन और कम से कम 40-50 पुलिसकर्मी अर्नब की बिल्डिंग में थे. जब निरंजन ने कहा कि रिपोर्ट करना उनका अधिकार है, तो उन्हें बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया गया और मुंबई पुलिस ने उनसे उनका फोन मांगा.

साभार- आर भारत