Rabies Symptoms Sppear After 10 Years: अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते, बंदर, सियार, लोमड़ी आदि के काट लें और वह रैबीज से पीड़ित हो तो वह व्यक्ति की जान पर भारी पड़ सकता है.

रैबीज से पीड़ित मरीज ने इलाज में लापरवाही बरती तो उसकी मौत निश्चित है, उसको बचाने के लिए कोई इलाज नहीं है क्योंकि रैबीज फैलने से मौत संभव है. अगर वेक्सिनेशन नहीं करवाया तो उसके लक्षण दस साल बाद भी आ सकते हैं. सरकार एंटी रैबीज टीकाकरण पर सालाना लाखों रुपये खर्च करती है.

(Rabies Symptoms Sppear After 10 Years) रैबीज ऐसी भयानक बीमारी है, जो 100 फीसदी जानलेवा है.आमतौर पर मानव के शरीर में रैबीज के विषाणु रैबीज से संक्रमित किसी पशु के काटने से पहुंच जाते हैं. एक बार इन विषाणु के मनुष्य या किसी पशु की नसों में घुस जाने के बाद मृत्यु निश्चित है.लेकिन सामान्य उपायों के द्वारा इस बीमारी को शुरू होने से पहले ही रोक सकते हैं. कुत्ते के काटने के चलते 85 फीसदी मरीज रैबीज से पीड़ित होते हैं. 15 फीसदी मामलों में बिल्ली, बंदर, लोमड़ी, सियार, लंगूर आदि इस बीमारी की वजह हैं.

72 घंटे बाद नहीं होता असर (Rabies Symptoms Sppear After 10 Years)

किसी भी व्यक्ति को रेबीज से संक्रमित कुत्ते, बंदर, लोमड़ी, सियार, लंगूर आदि किसी जानवर ने काट लिया और 72 घंटे तक उसका इलाज नहीं करवाया, तो वेक्सिन और एआरवी के टीके लगावने का कोई फायदा नहीं है. इस लिए जितना जल्दी हो सके वेक्सिन और एआरवी के टीके अवश्य लगावाएं.

रैबीज में यह लक्षण दिखने लगते हैं (Rabies Symptoms Sppear After 10 Years)

जब किसी भी व्यक्ति में ये लक्षण आएंगे तो उसे पानी से डर लगने लगाता है. रेबीज के संक्रमण के बाद उसका इलाज संभव नहीं है.जिस व्यक्ति में यह संक्रमण बढ़ता है तो उसकी मौत निश्चित है.इससे बचने के लिए कुत्ते या बंदर के काटने के बाद समय पर इलाज कराना आवश्यक है.समय पर इलाज मिलने से इसका संक्रमण नहीं होता है.