जब भी कभी रोटी की बात आती हैं, तो सभी के जहन में गेहूं की रोटी आती हैं. जबकि आधुनिक चिकित्सा में कइ बीमारियों की जड़ गेंहू का आटा ही बताया जाता है. ऐसे में गेंहू की जगह आप मोटे अनाज जैसे बाजरा, रागी, ज्वार, चौलाई और कुट्टू का प्रयोग कर सकते हैं. आज हम बात करने जा रहे हैं पोषक तत्वों से भरपूर रागी की, जिसका सेवन सेहत को गजब फायदे पहुंचाता है. रागी में आयरन, मैगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, विटामिन बी1, बी3, बी5 और बी6 भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं.

अगर आप गेंहू का बेस्ट विकल्प सोच रहे हैं तो वो रागी के अलावा कोई और अनाज नहीं हो सकता. आज हम आपको रागी के सेवन से सेहत को मिलने वाले फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं. Read More – Sidharth Malhotra और Kiara Advani की हो गई परमानेंट बुकिंग, शादी के बाद रोमांस में डूबा दिखा नया जोड़ा …

हड्डियों को मजबूत बनाए

किसी भी अनाज से तुलना की जाए तो रागी के आटे में कैल्शियम सबसे अधिक पाया जाता है. यह एकमात्र ऐसा नॉन-डेयरी प्रोडक्टक्स है जिसमें में इतनी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जिस वजह से अगर आप हड्डी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसके नियमित उपयोग से आप अपनी हड्डियों और दांतों को मजबूत बना सकते हैं. इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में भी यह बहुत ही उपयोगी है.

झुर्रियों से बचाव

रागी खाने से आप अंदरूनी स्वास्थ्य के साथ-साथ बाहरी खूबसूरती को भी संवार सकते हैं. अगर आप अपनी बढ़ती उम्र के लक्षण को छुपाना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में जल्द ही रागी को शामिल कर लेना चाहिए. क्योंकि सेहतमंद खाने का असर आपके चेहरे पर नजर आता है. रागी में अमिनो एसिड होते हैं जैसे कि मेथिओनिन और लाइसिन जो टीशू को झुर्रियों से बचाकर रखने में मदद करते हैं.

तनाव घटाने में सहायक

रागी में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सिडेंट होता है जो तनाव को घटाने में सहायक है. इसके अलावा एंग्जायटी, डिप्रेशन और अनिद्रा से निपटने में भी रागी का नियमित सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है. Read More – BB 16 के फिनाले से पहले चमकी Shiv Thakare की किस्मत, रोहित शेट्टी दिया ये ऑफर …

एनीमिया में फायदेमंद

रागी को आयरन से भरपूर होने के कारण भी जाना जाता हैं. आयरन का सेवन करने से हीमोग्लोबिन में सुधार होता है, जिससे एनीमिया होने के आसार कम हो जाते हैं. जिन लोगों को एनीमिया है उन लोगों को अपनी डाइट में आयरन से भरपूर डाइट शामिल करना चाहिए. आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आप रागी कुकीज या रागी का हलवा भी खा सकते हैं और यह ऑप्शन आयरन की दवाई खाने से तो बहुत अच्छा है.

पाचन के लिए लाभदायक

रागी में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया में काफी मददगार साबित होता है. इसके साथ ही ये अनाज हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. रागी में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें नॉर्मल शुगर की मात्रा कम होती है और जटिल कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जिसे पचने में अधिक समय लगता है. इसलिए रागी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.

डायबिटीज नियंत्रण में सहायक

अगर आप डायबिटीज या मधुमेह से जूझ रहे हैं, तो अनाज के तौर पर रागी आपके लिए बेहतर विकल्प है. रागी में चावल, मक्का या गेहूं की तुलना में हाई पॉलीफेनोल और डायटरी फाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे आप ग्लूकोज को नियंत्रित रख सकते हैं. इसे आप ब्रेकफास्ट से लेकर लंच या डिनर में भी खा सकते हैं.

वजन कम करने में मददगार

रागी को लोग अपने खाने में चावल और गेंहू के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. ग्लूटन-फ्री होने की वजह से इसका सेवन वजन कम करने में बहुत ही मददगार अनाज है, क्योंकि ग्लूटन वजन बढ़ाने के प्रमुख कारकों में से एक है. अगर आप अपना वजन कम या कंट्रोल करना चाहते हैं तो आज ही रागी का सेवन शुरू कर दें.