Bharat Jodo Nyaya Yatra: चंद दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा. चुनावी माहौल के बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पीएम मोदी पर करारा हमला बोला है. साथ ही उनकी नीतियों पर सवालिया निशान भी खड़े किए हैं. उन्होंने हमला करते हुए कहा, पीएम मोदी हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज की यात्रा का सपना दिखा रहे हैं. लेकिन मोदी सरकार की ज्यादातर नीतियां अमीरों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं.

बता दें कि राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा, ‘हवाई चप्पल’ वालों को हवाई जहाज की यात्रा का सपना दिखा, नरेंद्र मोदी ‘गरीबों की सवारी’ रेलवे को भी उनसे दूर करते जा रहे हैं. हर साल 10% बढ़ता किराया, डायनामिक फेयर के नाम पर लूट, बढ़ते कैंसलेशन चार्जेस और महंगे प्लेटफार्म टिकट के बीच लोगों को एक ऐसी ‘एलीट ट्रेन’ की तस्वीर दिखाकर बहलाया जा रहा है जिस पर गरीब पांव तक नहीं रख सकता.

आगे राहुल गांधी ने कहा, सिर्फ अमीरों को ध्यान में रख कर बनाई जा रही रेलवे की नीतियां रेल पर निर्भर भारत की 80% आबादी के साथ धोखा है. मोदी पर भरोसा ‘विश्वासघात की गारंटी’ है.

उन्होंने लिखा कि AC डिब्बों की संख्या बढ़ाने के लिये जनरल डिब्बों की संख्या कम की जा रही है, जिसमें मज़दूर और किसान ही नहीं छात्र और नौकरीपेशा भी यात्रा करते हैं. सामान्य डिब्बों के मुकाबले AC डिब्बों का निर्माण भी 3 गुना कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों तक से उन्हें मिलने वाली छूट छीन कर पिछले 3 वर्षों में सरकार उनसे ₹3,700 करोड़ की वसूली कर चुकी है. प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन के लिए आम आदमी की ट्रेनों को जहां तहां खड़ा कर दिया जाता है. गरीब और मध्यमवर्गीय यात्री रेलवे की प्राथमिकता से बाहर कर दिए गए हैं.

दरअसल रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करना, इन्हीं ‘कारनामों’ को छिपाने की साजिश थी. सिर्फ अमीरों को ध्यान में रख कर बनाई जा रही रेलवे की नीतियां रेल पर निर्भर भारत की 80% आबादी के साथ धोखा है. मोदी पर भरोसा ‘विश्वासघात की गारंटी’ है.’

प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन के लिए आम आदमी की ट्रेनों को जहां तहां खड़ा कर दिया जाता है. गरीब और मध्यमवर्गीय यात्री रेलवे की प्राथमिकता से बाहर कर दिए गए हैं. कांग्रेस नेता ने लिखा कि AC डिब्बों की संख्या बढ़ाने के लिये जनरल डिब्बों की संख्या कम की जा रही है, जिसमें मज़दूर और किसान ही नहीं छात्र और नौकरीपेशा भी यात्रा करते हैं. सामान्य डिब्बों के मुकाबले AC डिब्बों का निर्माण भी 3 गुना कर दिया गया है. दरअसल रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करना, इन्हीं ‘कारनामों’ को छिपाने की साजिश थी.

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