विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि रायबरेली में ‘दिशा’ की बैठक में शामिल हुआ। गलती से मैंने कह दिया कि सभी अफसर अपना परिचय दें। परिचय शुरू हुआ तो उसमें मुझे एक भी दलित या ओबीसी नाम नहीं सुनाई पड़ा था।
बुधवार को राहुल गांधी महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे। जहां उन्होंने संविधान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेता ने संविधान के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर जमकर हमला बोला है। वहीं उन्होंने कहा कि मंगलवार को मैं रायबरेली में ‘दिशा’ की बैठक में शामिल हुआ। राहुल ने आगे कहा कि सूत्रों से प्राथमिक तौर पर पता चला कि रायबरेली में 80% अधिकारी केवल दो विशेष जातियों के ही है!
उन्होंने कहा कि जब मैं रायबरेली में था। हमारी एमपी की मीटिंग होती है। दिशा बैठक होती है। मैं उसमें गया गलती से मैंने कह दिया कि सब अफसर अपना परिचय दें। जब परिचय शुरू हुआ तो उसमें मुझे एक दलित नाम, एक ओबीसी नाम नहीं सुनाई पड़ा। इस पर मैंने अपने सेक्रेटरी से कहा कि इन सब के नाम निकालवाओं और पता लगाओं कि रायबरेली में कितने ओबीसी, कितने दलित और कितने आदिवासी अफसर हैं। मुझे पता चला कि 80 प्रतिशत अधिकारी एक या दो जाति के हैं।
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राहुल गांधी ने कहा कि कभी-कभी गंगाराम अस्पताल चला जाता हूं तो वहां दलित, आदिवासी और ओबीसी डॉक्टर मिल जाए। मैं उन्हें ढूंढता हूं। कॉर्पोरेट इंडिया में देखता हूं। 500 कंपनियां हैं उनके मालिकों में दलित, ओबीसी और आदिवासी नहीं हैं। पीएम मोदी ने कॉर्पोरेट का 16 लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ किया। इनमें दलित, ओबीसी और आदिवासी नहीं हैं। आप हाईकोर्ट देख लीजिए और बड़े-बड़े अफसर देख लीजिए, उनमें 90 प्रतिशत हिंदुस्तान नहीं दिखेगा।
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