पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस के रिश्तों में फिर से नज़दीकी बढ़ने लगी है. विपक्षी एकता और खासतौर पर INDIA ब्लॉक की मजबूती के लिए ये संबंध बेहद अहम माने जा रहे हैं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आवास पर गुरुवार शाम को INDIA ब्लॉक के नेताओं के लिए डिनर का आयोजन किया गया था. इस डिनर में दोनों पार्टियों के नेताओं की नजदीकियों ने राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज कर दी हैं. लोकसभा और राज्यसभा में कुल 42 सांसदों के साथ टीएमसी के पास विपक्ष में प्रभाव डालने के लिए पर्याप्त संख्याबल है.

डिनर के दौरान कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि वह विपक्षी एकता के लिए व्यापक सहमति बनाने की कोशिश कर रही है. ये रुख पिछले साल से अलग है, जब कांग्रेस के एकतरफा फैसलों ने ममता बनर्जी को नाराज़ कर दिया था और उन्होंने ‘एकला चलो रे’ का ऐलान कर बंगाल में INDIA ब्लॉक को खत्म मान लिया था. उस समय दोनों दलों के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे, जो अब सुधरते नज़र आ रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार, टीएमसी के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी गुरुवार को राहुल गांधी के आवास से निकलने वाले आखिरी नेताओं में से एक थे. दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसमें अभिषेक ने राहुल को बंगाल में चुनाव आयोग के प्रस्तावित SIR जैसे सर्वे के खिलाफ टीएमसी के रुख से अवगत कराया.

2013 की असफल मीटिंग से अब तक बहुत कुछ बदला

2013 में दिल्ली में राहुल गांधी के साथ अभिषेक बनर्जी की असफल रही सुबह की बैठक से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल चुका है. अब अभिषेक लोकसभा में टीएमसी के नए नेता बन गए हैं (कल्याण बनर्जी की जगह) और राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं. अभिषेक बनर्जी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साथ मिलकर संसद में विपक्ष को मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

नई पीढ़ी का नया समीकरण

पहले टीएमसी-कांग्रेस के रिश्ते सोनिया गांधी और ममता बनर्जी की व्यक्तिगत नज़दीकी पर आधारित थे, लेकिन अब यह समीकरण नई पीढ़ी के नेतृत्व यानी अभिषेक बनर्जी और राहुल गांधी के हाथ में है. दोनों के बारे में कहा जाता है कि वे काफी एक्टिव हैं और बेहतर तालमेल के लिए अक्सर फोन पर बातचीत करते हैं. मानसून सेशन के दौरान बांग्ला भाषा के अपमान के विरोध में टीएमसी ने कांग्रेस को भी अपने साथ जोड़ा, जिसमें कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया.

ममता को साध रही कांग्रेस?

कांग्रेस ने भी ममता बनर्जी को साधने के लिए उनके कट्टर आलोचक रहे अधीर रंजन चौधरी को राज्य में अध्यक्ष पद से हटा दिया और उनकी जगह अपेक्षाकृत शांत प्रोफ़ाइल वाले शुभंकर सरकार को चुना. जिन्होंने सितंबर में पदभार संभालने के बाद से ममता पर कोई व्यक्तिगत हमला नहीं किया. अधीर रंजन चौधरी, जो पांच बार सांसद रह चुके हैं उन्हें बहरामपुर लोकसभा सीट पर टीएमसी के नए उम्मीदवार यूसुफ पठान ने हरा दिया था.

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