जगदलपुर। बस्तर की धरती, बस्तरिहों के लिए एनएसयूआई का प्रोग्राम। राहुल गांधी के संग बस्तरिहों के हक के लिए सारा ताम-झाम और आयोजन। लेकिन जब आमचो हक याने के बस्तरियों के अपने हक के लिए राहुल गांधी मंच पर पहुँचे , तो मंच से बस्तरिहा नदारद थे। मंच पर एक भी बस्तरिहा आदिवासी नजर नहीं आया।

ये और बात थी कि इस कार्यक्रम में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित, प्रदेश एनएसयूआई के अध्यक्ष आकाश शर्मा सहित भिलाई के महापौर और एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारी देवेन्द्र यादव और निखिल द्विवेदी जरूर थे। लेकिन राहुल के मंच पर आदिवासी बस्तरिहों को ही जगह नहीं मिली।

अब सवाल ये है कि क्या प्रदेश एनएसयूआई बस्तर के भीतर कोई भी आदिवासी एनएसयूआई में नहीं है ?  क्या राहुल गांधी आदिवासी बस्तरिहों को मंच से नहीं सुनना चाहते थे ?  क्या नाम का ही ये आमचो हक था, या कैसे आमाचो हक था जहां बस्तरिहा आदिवासी को अपनी जमीन पर, अपने मंच पर, अपने ही हक से वंचित होना पड़ गया ?