निशा मसीह, रायगढ़. जिले की पंचायतें टैक्स वसूली को लेकर गंभीर नहीं हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले की 761 पंचायतों पर दो सालों के टैक्स का तकरीबन 14 करोड 20 लाख रुपए बकाया है. ये वो राशि है जिसे ग्राम पंचायतों को आम जनता से टैक्स के रुप में वसूलना है.सालाना आडिट में जानकारी सामने आने के बाद अब जिला पंचायत जनपद सीईओ के माध्यम से ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी कर राशि वसूली का दावा कर रहा है.
पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्रों में दी जाने वाली सुविधाओं के एवज में टैक्स वसूली का अधिकार है. नियम के तहत पंचायतों को जल कर, संपत्ति कर, समेकित कर, मनोरंजन कर सहित तकरीबन 12 तरह के टैक्स रोपण करने का अधिकार दिया गया है. लेकिन रायगढ़ जिले में पंचायतें टैक्स रिकवरी को लेकर गंभीर नहीं है. जिला पंचायत की ओर से कराए गए सालाना आडिट में पंचायतों पर टैक्स का तकरीबन 14 करोड़ 20 लाख रुपए बकाया है. वसूली के मामले मे जिले का सारंगढ़ ब्लाक सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. सारंगढ़ ब्लाक में सबसे अधिक 8 करोड़ 25 लाख. बरमकेला ब्लाक में 1 करोड़ 35 लाख और तमनार ब्लाक में 1 करोड़ 22 लाख रुपए बकाया है.
बताया जाता है कि सरपंच सचिवों ने टैक्स वसूली को लेकर कवायद नहीं की. जिसकी वजह से लोगों ने टैक्स जमा नहीं किया और पंचायतों का खजाना खाली हो गया. अब आडिट में मामला उजागर होने के बाद जिला पंचायत की ओर से सभी जनपद सीईओ को 31 मार्च के पहले पहले राशि की रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है.
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल इस बात को स्वीकार करते हैं कि राजस्व कम होने की वजह से पंचायतों में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. नरेश ने कहा कि पंचायतो में शिविर लगाकर अब लोगों से टैक्स जमा करने की अपील करेंगे. उनका ये भी कहना है कि इसके बाद सख्ती के साथ टैक्स की वसूली की जाएगी और 31 मार्च के पहले राशि की रिकवरी के प्रय़ास किए जाएंगे.