रायगढ़। अपहृत बालक को सूचना मिलने के महज 8 घंटे के भीतर सकुशल बरामद करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है. बच्चे की सकुशल रिहाई के लिए बिलासपुर आईजी व रायगढ़ एसपी ने खरसिया में रातभर कैंप लगाए रखा, जहां से सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के साथ बेहतर समन्वय और कुशल नेतृत्व के मार्गदर्शन पर पुलिस को शीघ्र सफलता मिली. अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के पिता से 25 लाख रुपए वसूलने की योजना बनाई थी.

पुलिस के बताए अनुसार, 20 फरवरी की शाम को खरसिया पुलिस चौकी में व्यवसायी रमेश कुमार अग्रवाल ने घर में रसोईया का काम करने वाले निखिल महंत उर्फ खिलावन पिता एतवारी महंत (28 साल) के उसके 6 वर्षीय पोते शिवांश अग्रवाल पिता राहुल अग्रवाल को बिना बताये मोटर साइकिल में बिठाकर कहीं ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.  रिपोर्टकर्ता ने बताया कि आवश्यकता नहीं होने पर उन्होंने कुक को दो दिन पहले ही उसका बाकी रुपया-पैसा देकर काम से हटा दिया था. लेकिन 20 फरवरी को निखिल महंत इनके घर आया और मोबाईल चार्जर छूट जाने की बात कहते हुए ऊपर कमरे में गया और वापसी में नीचे आकर शिवांश को चिप्स देने के बहाने से शाम करीब 5.30 बजे अपने साथ बाइक पर ले गया. दो घंटे बाद भी वापस नहीं आने पर अनहोनी की अंदेशा भांप कर पुलिस चौकी खरसिया में सूचना दी.

घटना की सूचना मिलते ही रायगढ़ एसपी संतोष सिंह जिले में नाकेबंदी का पांइट देकर तुरंत खरसिया चौकी पहुंचे. एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा को रायगढ़ मुख्यालय में सायबर टीम के साथ संदेही का लोकेशन ट्रेश करने व सीमावर्ती जिलों के थाना प्रभारियों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपे. वहीं एसडीओपी खरसिया पितांबर पटेल को अनुविभाग के  अलग-अलग अधिकारियों की टीम बनाकर जांच में मिली जानकारी के अनुसार शीघ्र अलग-अलग दिशाओं में टीम रवाना किये. घटना की सूचना पाकर रात ही में बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी खरसिया पहुंचे व मामले की पूरी जानकारी लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. वहीं डीजीपी डीएम अवस्थी भी मामले में आवश्यक निर्देश देते रहे.

पुलिस की जांच में शातिर आरोपीगण पुलिस की नाकेबंदी के रास्तों को जानते हुए मुख्य मार्ग को छोड़ते हुए पहाड़ी व अंदरूनी रास्तों का प्रयोग करते बम्हनीनडीह- नंदेली- तारापुर अमलीभौना होते हुए रायगढ़ की सीमा पार करने की जानकारी मिली. पूर्व प्लानिंग अनुसार खिलावन महंत पुलिस को चकमा देने बाइक से निकला और रास्ते में बाइक छोड़ अपने दो साथी अमर दास महंत व संजय सिदार के साथ किराये की कार में बालक को लेकर झारखंड रवाना हुए. इस घटना में अपने को सुरक्षित रखने झारखंड के पेशेवर अपहरण गिरोह को सौंपने के लिये सम्पर्क कर रहे थे, उसके बाद आरोपियों की योजना बालक के पिता से 25 लाख रुपए की डिमांड करने की थी.

रायगढ़ एसपी ने आरोपियों के बिहार, झारखंड, उड़ीसा जाने की संभावना को देखते हुए इन राज्यों की पुलिस से कोऑर्डिनेट कर संदेहियों का डिटेल शेयर किया गया व नाकेबंदी का अनुरोध किया, जिनसे काफी मदद मिली. झारखंड के सभी संबंधित एसपी से लगातार संपर्क करते रहे व रायगढ़ की पीछा करने वाली टीम को निर्देशित किया. इसी बीच आरोपियों के कार से खूंटी झारखंड की ओर जाने की जानकारी मिली, जिस पर खूंटी पुलिस को कार एवं संदेहियों का हुलिया बताकर नाकेबंदी का पाइंट दिया गया. खूंटी पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए पहचान कर आरोपियों की कार को  रोका, वहीं पीछे-पीछे रायगढ़ पुलिस की टीम पहुंची. जहां आरोपियों के कब्जे से बालक शिवांश को सकुशल बरामद कर खरसिया लाया गया.

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के साथ डीजीपी-एसपी ने दी बधाई

डीजीपी डीएम अवस्थी ने बालक को सकुशल बरामद करने पर रायगढ़ पुलिस को बधाई देते हुए टीम के लिये Sk लाख रुपए का इनाम की घोषणा की गई हैं. वहीं बिलासपुर आईजी रतन लाल डांगी ने 10 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और CMO आफिस द्वारा ट्वीट कर रायगढ़ पुलिस को बधाई दी गई है. इसके साथ डीजीपी ने सहयोग के लिए झारखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट पर रांची, खूंटी, सिमडेगा पुलिस को सहयोग के लिये धन्यवाद दिये हैं. रायगढ़ एसपी ने झारखंड पुलिस विशेष तौर पर खूंटी पुलिस को प्रशस्ति पत्र प्रेषित कर आभार प्रकट करना बताया है.