रायपुर। रेलवे में कार्यरत अनुसूचित जाति की महिला कर्मचारी को प्रताड़ित करने के मामले में रायपुर मंडल के वरिष्ठ और सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी के अलावा मुख्य कार्यालय अधीक्षक घिर गए हैं. पीड़िता की शिकायत पर राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम और रायपुर डीआरएम से कार्रवाई करने को कहा है.
लल्लूराम डॉट कॉम करने के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार, अनुसूचित जनजाति आयोग ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम आलोक कुमार और रायपुर डीआरएम श्याम सुंदर गुप्ता को अलग-अलग पत्र लिखा है. इसमें रायपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी प्रदीप मिश्रा, सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी आर. शंकरन के साथ मुख्य कार्यालय अधीक्षक के खिलाफ अनामिका शुक्ला अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है. आयोग के समक्ष भिलाई में कार्यरत आदिवासी महिला कर्मचारी ने शिकायत थी, जिसमें उसे जानबूझकर छोटी-छोटी बातों को लेकर अपमानित एवं बेइज्जत करने की नियत से मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने की बात कही है.
अनुसूचित जाति के कर्मियों का खराब कर रहे रिकार्ड
यही नहीं आयोग के मुताबिक, आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदकगणों के द्वारा उसके साथ अन्य अनुसूचित जनजाति वर्ग के अन्य कर्मचारियों को नौकरी छोड़कर जाने को बोला जाता है, यही नहीं कई कर्मचारियों का एपीएआर भी खराब किया जा चुका है, जिससे कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित होना पड़ रहा है. आयोग को बताया गया कि जानबूझकर अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ ही इस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है.
आयोग के अध्यक्ष और अधिकारियों पर बनाया दबाव
आयोग ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया कि उक्त प्रकरण में साक्ष्य के लिए अनावेदकों को आयोग में उपस्थित होने के लिए समंस भेजा गया था, लेकिन अनावेदकों ने आयोग के अध्यक्ष और अधिकारियों को प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिए फोन कराकर प्रकरण समाप्त करने के लिए अनुचित दबाव बनाया जा रहा है. इसे आयोग के कार्य में बाधक बताते हुए अनावेदकों पर कार्रवाई की बात कही है.