मनोज यादव, कोरबा। विभिन्न क्षेत्रों में कोयला की कमी को हल करने के लिए भारतीय रेलवे अतिरिक्त प्रयास कर रहा है. ज्यादा माल गाड़ियों के माध्यम से बिजली घरों को कोयला की आपूर्ति कराई जा रही हैं. कोरबा जिले में एसईसीएल की खदानों से कोयला लेकर एक ही दिन में महज कुछ घंटों में 16000 टन कोयला भेजने का काम सुपर वासुकी ट्रेन के जरिए किया गया है. हालांकि इसके चक्कर में कई यात्री गाड़ियों को बीच रास्ते में या फिर आउटर पर खड़ा कर दिया गया, जिससे लोग परेशान हुए.
समय-समय पर रेलवे के द्वारा कोयला आपूर्ति करने के लिए इस प्रकार के प्रयोग किए जाते रहे हैं और रिकॉर्ड बनाया जाता रहा है. कोरबा जिले से चार माल गाड़ियों को जोड़कर बनाई गई सुपर वासुकी ट्रेन ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी. कई दिनों से इसके लिए योजना बनाई गई और फिर समय निर्धारित कर 4 इंजन, 250 से ज्यादा वैगन और मैन पावर के साथ सुपर वासुकी को कोरबा से रवाना किया गया.
एआरएम प्रभात कुमार ने बताया कि लगभग 2:45 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी से 16000 टन कोयला महाराष्ट्र भेजा गया है. बताया गया कि इस प्रकार की योजनाएं पहले भी बनाई गई और उसे क्रियान्वित किया गया. इसके लिए बेहतर और प्लानिंग करनी होती है और तय करना पड़ता है कि यह सब कैसे होगा.
खबर के अनुसार रेलवे के द्वारा कोरबा से चलाई गई विशेष मालगाड़ी के कारण यहां से लेकर रायपुर और उसके आगे अनेक स्थानों पर यात्री गाड़ियों को कहीं भी रोक दिया गया. लोगों की परेशानी बढ़ाई गई, लेकिन कोरबा के एआरएम ने दावा किया कि सब कुछ शेड्यूल के अंतर्गत किया गया और 2 यात्री ट्रेनों के अंतराल के बीच इसकी टाइमिंग सेट की गई.
जो भी हो रेलवे ने अपनी योजना के अंतर्गत पड़ोसी राज्य के बिजली घर में आ रही समस्या को दूर करने के लिए कोयला की आपूर्ति कर दी है. ये बात और हे कि रेल सुविधा को लेकर कोरबा के साथ रेलवे का सौतेला व्यवहार लंबे अरसे से बना हुआ है. 14 मई को रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का कोरबा आना टाइम हुआ था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से यह भी रद्द हो गया. इसी के साथ हो तो वासियों के कई सपने टूट गए जो उन्होंने रेल मंत्री के आगमन को लेकर बुन रखे थे.