शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। पहाड़ पर जहां, बर्फबारी का दौर जारी है, वहीं मैदानी इलाकों तक इसका असर बादलों के रूप में दिखाई दे रहा है। छिंदवाड़ा में आज शाम को हुई अचानक तेज बारिश के कारण मंडियों में रखा हुआ किसानों का 50 हजार टन अनाज भीग कर बर्बाद हो गया। आज हुई तेज बारिश ने मंडी में अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी। हद तो यह हो गई कि मौसम विभाग पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में बारिश होने की चेतावनी जारी कर रहा है। बावजूद इसके प्रशासन सोता रहा और हजारों टन अनाज भीग गया.
मंडी में बनाये गए शेड में हमेशा व्यापारियों का अनाज रखा रहता है। जिसको तय समय सीमा में नहीं उठाया जाता। जिसके कारण शेड में जगह खाली नहीं रहती और इस वजह से किसानों को खुले में अनाज रखना पड़ता है। ऐसे में किसी भी आपदा के आने पर नुकसान किसानों का ही होता है। ऐसा ही कुछ नजारा छिंदवाड़ा मंडी में आज फिर देखने में आया जहां खुले में भंडारित किया हुआ किसानों का अनाज अचानक बारिश हो जाने से पूरी तरह से पानी में भीग गया। मंडी में रखा हुआ करीब 50 हजार टन मक्का, सोयाबीन और गेहूं इस बारिश में बर्बाद हो गई। इस भीगे हुए अनाज का किसान को उचित मूल्य भी नहीं मिल पाएगा।
छिंदवाड़ा मंडी में समय से बोली ना लगने के कारण वहां अनाज की मात्रा बहुत ज्यादा थी और आज भी नीलामी शुरू होने वाली थी इसके पूर्व ही यह अनाज पानी में भीग गया जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है ।
जिले की अन्य मंडियों में 10 हजार टन अनाज भीगा
ऐसा ही नजारा जिले की अन्य मंडियों का भी है । यहां पर भी भारी मात्रा में नुकसान की खबरें आ रही है। जिले की अन्य मंडियो में भी करीब 10000 टन से अधिक अनाज खराब हुआ है।
पिछली बार की बारिश में लाखों टन गेहूं और मक्का की फसल खराब हो गई थी
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी इन मंडियों में लापरवाही और अनियमितताओं की खबरें कई बार सामने आ चुकी है। इसके पहले भी लाखों टन अनाज बर्बाद हो चुका है। पिछली बार की बारिश में लाखों टन गेहूं और मक्का की बर्बादी के बाद मंडी प्रशासन ने यह आश्वासन दिया था कि अब किसानों का अनाज खुले में नहीं रखा जाएगा। उसके बावजूद भी मंडी प्रशासन किसानों की तरफ ध्यान नहीं देता है जिसका खामियाजा किसानों को हर बार भुगतना पड़ता है।
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