प्रतीक चौहान. रायपुर. राज्य सरकार ने राजधानी के कलेक्टर की जिम्मेदारी IAS सौरभ कुमार को बहुत सोच समझकर सौंपी है. लेकिन ऐसा लगता है कि कार्य विभाजन के मामले में कलेक्टर थोड़े कमजोर साबित हो रहे है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ रायपुर तहसील में थोक के भाव में नायब तहसीलदारों की पोस्ट में अतिरिक्त तहसीलदारों को बैठाकर रखा गया है और एक तहसील ऐसा है जहां पद रिक्त पड़ा हुआ है.
ऐसा नहीं है कि कलेक्टर के इस कार्य विभाजन के बाद रायपुर तहसील का काम बहुत फास्ट हो रहा है और यहां कोई भी फाइल पेंडिंग नहीं है. हकीकत तो ये हैं कि यहां करीब 200 से ज्यादा नामांतरण की फाइले इतने अतिरिक्त तहसीलदारों के होने के बाद भी पेंडिंग है. इसकी वजह तलाशने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि बिना चढ़ावे के बिना कोई भी नामांतरण की फाइल आगे नहीं बढ़ती और बाबू, पटवारी और अतिरिक्त तहसीलदार उस फाइल को रोक देते है.
चढ़ावे की बात करें तो रायपुर तहसील में इसका भी रेट फिक्स है. सूत्रों की माने तो यदि नामांतरण करने वाले व्यक्ति पटवारी के माध्यम से तहसील दफ्तर तक पहुंचेगा तो पटवारी को 6 हजार रुपए प्रति फाइल बतौर चढ़ावा, चढ़ाना पड़ता है. यही काम यदि प्रार्थी सीधे फाइल लेकर पहुंचता है तो उसे बाबू को 10 हजार रुपए का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है, नहीं तो उसकी फाइल किसी न किसी कारण से पेंडिंग में डाल दी जाती है.
सूत्रों की माने तो यही एक कारण है कि इस चढ़ावे के चक्कर में यहां अतिरिक्त तहलीदरों की फौज खड़ी हो गई है और रायपुर कलेक्टर कार्य विभाजन के इस मामले में कमजोरी को साबित करती है.
हकीकत ये है कि रायपुर तहसील में 1 तहसीलदार और 1 अतिरिक्त तहसीलदार के अलावा 6 नायब तहसीलदार की पोस्ट है. जबकि यहां 6 अतिरिक्त तहसीलदार बतौर नायब तहसीलदार बनकर नौकरी करना पसंद कर रहे है. इसका सीधा मतलब है कि राजधानी रायपुर में चढ़ावा इतना ज्यादा है कि हर एक अधिकारी अपनी सेटिंग और पहुंच का फायदा उठाकर यहां जूनियर रैंक की पोस्ट में काम करना भी पसंद कर रहा है. वहीं धरसींवा में भी कलेक्टर ने तहसीलदार की पोस्टिंग की है, जबकि वहां पोस्ट नायब तहसीलदार की है. यानी रैंक के हिसाब से तहसीलदार, नायब तहसीलदार के अधिन काम करते है.
वहीं गोबरा नवपारा तहसील में एक भी नायब तहसीलदार नहीं है. इस संबंध में रायपुर कलेक्टर का पक्ष लेने उन्हें मंगलवार दोपहर 2:43 बजे फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.
देखें अधिकारियों की सूची
धरसींवा
- प्रमोद गुप्ता ( सा भू अधीक्षक )
- अजय चंद्रवंशी ( तहसीलदार)
रायपुर तहसील
- मनीष देव साहू ( तहसीलदार)
- जयेन्द्र सिंह ( अति तहसीलदार )
- अंजलि शर्मा ( अति तहसीलदार )
- ज्योति सिंह ( अति तहसीलदार )
- अभिषेक राठौर ( अति तहसीलदार )
- लखेश्वर किरण ( अति तहसीलदार )
- मीना साहू ( अति तहसीलदार)
- श्रिजन सोनकर ( नायब तहसीलदार )
- उमंग जैन ( नायब तहसीलदार )
तहसील तिल्दा
- सरिता मढ़रिया (तहसीलदार )
तहसील खरोरा
- रीमा मरकाम (तहसीलदार)
तहसील अभनपुर
- पवन ठाकुर (तहसीलदार)
तहसील आरंग
- गोविंद सिंह (तहसीलदार)
- प्रमोद पटेल ( अति तहसीलदार)
उप तहसील मंदिर हसौद
- नारायण चंद्राकर ( नायब तहसीलदार)
तहसील गोबरा नावापारा
रिक्त
पटवारियों के तबादले में भी कर गए खेल
पिछले दिनों करीब 40 पटवारियों के तबादला आदेश जारी किए गए है. लेकिन इसमें भी एक खेल किया गया है. लल्लूराम डॉट कॉम को पता चला है कि उपरोक्त सभी अधिकारियों ने अपने पसंदीदा पटवारियों को चढ़ावे के हिसाब से अपनी फरमाइश पर रखा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्र के पटवारियों को शहरी और शहरी क्षेत्र के पटवारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में तबादले होने थे. लेकिन चंद तबादलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी में खेल कर दिया गया है.
आप भी तहसील दफ्तर में बाबूओं के चक्कर लगा-लगाकर परेशान है ? या आपके पास रायपुर तहसील से जुड़ी कोई जानकारी है जो आप हम तक पहुंचाना चाहते है तो हमें 9329111133 पर संपर्क करें. आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा.
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