प्रतीक चौहान. रायपुर. हां, रायपुर नगर निगम सिर्फ गरीबों के मकान, छोटे और मध्यमवर्गीय परिवारों के अवैध कंस्ट्रक्शन पर ही बुलडोजर चलाने की हिम्मत रखता है. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि रायपुर नगर निगम के अधिकारियों ने एक कश्मीरी पंडित को जिस कंस्ट्रक्शन के लिए 3 बार नोटिस दिया, उसे अवैध घोषित कर दिया, लेकिन उसके ठीक पीछे और चंद कदमों की दूरी पर चल रहे अवैध कंस्ट्रक्शन में जाकर झांकने की हिम्मत भी नगर निगम के अधिकारी नहीं जुटा पा रहे हैं. इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है, ये निगम अधिकारी ही बताएंगे.
ऐसा भी नहीं है कि नगर निगम के अधिकारियों को ये जानकारी नहीं है, लेकिन न जाने नगर निगम के अधिकारियों को किस बात का डर सता रहा है कि वे न मॉल मालिक से रिकवरी कर पा रहे हैं और न अवैध कंस्ट्रक्शन देख कर भी उन्हें नोटिस जारी कर रहे हैं.
मामला राजधानी रायपुर के राजकुमार कॉलेज के सामने बन चुके और बन रहे दो अलग-अलग मॉल का है. ये दोनों मॉल एक ही व्यक्ति का बताया जा रहा है. ये विवाद एक कश्मीरी पंडित को नगर निगम के 15 दिनों के भीतर नोटिस देने के बाद और उक्त पंडित के राज्यपाल और सरस्वती नगर थाने में शिकायत करने के बाद उठा है. वहीं लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद शिकायत के आधार पर सरस्वती नगर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
64 लाख रुपए की रिकवरी नहीं कर पा रहा रायपुर नगर निगम
नगर निगम के जोन स्थित रिलायंस स्टोर जिसकी हम बात कर रहे हैं. उसका कंस्ट्रक्शन नगर निगम के नियमों के विपरित है. ये भी हम नहीं कह रहे हैं, ये खुद निगम अधिकारियों द्वारा एक दस्तावेज में कहा गया है, जिसकी कॉपी लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद है.
दस्तावेज में नगर पालिक निगम के अधिकारियों ने बताया है कि उक्त मॉल भवन अनुज्ञा के अनुरूप नहीं है. इसलिए उक्त मॉल के मालिक द्वारा राजीनामा किए जाने की प्रक्रिया की है, जिसमें 64 लाख रुपए से अधिक की राशि अदा करनी है.
हैरानी की बात ये है कि इस दस्तावेज में निगम अधिकारियों ने खुद लिखा है कि जब तक ये राशि अदा नहीं होगी, इसे खोलने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि न तो ये राशि जमा की गई है और ये मॉल भी खुला हुआ है.
यानी स्पष्ट है कि उक्त बड़े आदमी के दबाव में नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्ऱवाई नहीं की, यही अगर किसी गरीब आदमी की झोपड़ी होती तो उसे बुलडोजर से गिरा दिया गया होता. अधिकारी वहां तस्वीरें खिचवाकर मीडिया में जारी करते कि उन्होंने अवैध कंस्ट्रक्शन ढ़हा दिया है.
इस संबंध में रायपुर नगर निगम का पक्ष लेने नगर निगम कमिश्नर प्रभात मल्लिक को फोन किया गया. उन्होंने फोन काटकर टेक्स्ट मैसेज भेजने मैसेज किया. उक्त पूरा मामला उन्हें टेक्स मैसेज किया गया. लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका कोई भी मैसेज प्राप्त नहीं हुआ था.