रायपुर। राजधानी रायपुर जिले के तिल्दा विकासखंड के ग्राम सगुनी में लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी मरीजों के स्वास्थ्य सुधार और इलाज के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा मुहैया कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए है. कलेक्टर सौरभ कुमार ने चार चिकित्सालयों में मरीजों के इलाज के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है. वे स्वयं लगातार पूरी चिकित्सा व्यवस्था का मुआयना और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कलेक्टर ने ग्राम सगुनी में बनाए गए चिकित्सा कैंप के साथ-साथ धरसीवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर यहां भर्ती मरीजों से मुलाकात भी की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली.

दरअसल सगुनी में फूड प्वाइजनिंग के बाद लोगों में उल्टी-दस्त और बुखार जैसी शिकायतें मिली थी. चिकित्सा टीम ने 208 मरीजों की ओपीडी जांच की और 62 मरीजों को इलाज के लिए विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती कराया. ग्राम सुगनी में बनाए गए चिकित्सा कैंप में 22 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया. इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसीवां में 32 मरीजों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्दा में 3 मरीजों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरखूट में 8 मरीजों को भर्ती किया गया.

स्वास्थ्य ठीक होने पर खैरखूट के चार मरीजों को चिकित्सालय से छुट्टी दे दी गई है. 2 मरीजों को जिसमें 1 बुजुर्ग होने के कारण और दूसरा मरीज पेट में ज्यादा दर्द की शिकायत होने के कारण उन्हें मेकाहारा में रिफर किया गया. इन चिकित्सालयों के सभी मरीजों की स्थिति में सुधार है. सभी खतरे से बाहर है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि स्थिति पूरी तरह निगरानी और नियंत्रण में है. इन चिकित्सालयों में तीनों पालियों में मेडिकल ऑफिसर और मेडिकल स्टाफ को मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी लगाई गई है.

कलेक्टर सौरभ कुमार ने मेडिकल कॉलेज रायपुर के विशेष टीम को भी चिकित्सालयों में पहुंचकर मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के निर्देश दिए है. मेडिकल कॉलेज रायपुर के एम डी मेडिसीन डॉ. एस चंद्रवंशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने ग्राम सगुनी के मेडिकल कैंप और धरसीवां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों के इलाज का निरीक्षण किया और उनका इलाज भी किया.

इन चिकित्सालयों में चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की अतिरिक्त टीम भी लगाई गई है. ग्राम सगुनी के मेडिकल कैंप में 6 डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ को भी तैनात किया गया है. उनके सहयोग के लिए आसपास के 11 गांवों के मितानिनों की ड्यूटी भी लगाई गई है.

फूड प्वाइजनिंग के संबंध में फूड और पानी का सैंपल भी लिया गया है. कलेक्टर ने अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसीलदार ,जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी लगातार स्थिति की निगरानी करने को कहा है. ये प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति का लगातार मुआयना कर रहे हैं.

कलेक्टर ने गांव के लोगों से भी अपील की है कि अगर किसी की भी तबीयत खराब होने की जानकारी मिलती है, तो उसे तत्काल चिकित्सालय में लाकर दिखाया जाए. उसके स्वास्थ्य की देखभाल की जाए. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने भी इन चिकित्सालयों में व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

जिला स्तरीय रेपिड रिस्पांस टीम में चिकित्सकीय दल के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिसकारी एवं प्रबंधन इकाई के सदस्य, जिला सर्पिलेंस इकाई से एपिडेमियोलाजिस्ट सहित सेम्पल कलेक्शन के लिए फूड एण्ड ड्रग्स से नमूना संग्रहण टीम के सदस्यो ने भी यहां सेवाएं दी.

कलेक्टर रायपुर के निर्देशानुसार ग्राम सगुनी में लगाए गए अस्थायी शिविर में ओआर.एस. की व्यवस्था एवं नियमित हॉका ग्राम में कोटवार के माध्यम से लगाये जा रहे है. दवाईयों का पर्याप्त मंडारण किया जा चुका है और इलाज किया जा रहा है. अस्थायी शिविर में ड्रिप लगाने के लिए 15 बिस्तर पृथक से पलंग रखे गये है. 24 घंटे एम्बुलेस ग्राम में ही खड़ी की गई है. ग्राम के सभी घरो एवं मोहल्ले में सेनेटाईजेशन और नालियो में दवाइयों को छिड़काव प्रतिदिन किया जा रहा है.

इसके साथ ही सभी मैदानी कार्यकर्ताओं, मितानिनों और पंचायत के सहयोगी व्यक्तियो द्वारा प्रत्येक घर का सर्वेक्षण किया जा रहा है. जिसके साथ ही घर घर में क्लोरिनेशन और ओ. आर.एस. के घोल बनाये जाने की शिक्षा देते हुए ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण किया जा रहा है.

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