कई डॉमेस्टिक और ग्लोबल कारकों के चलते एक्सपर्ट मौजूदा वक्त में सोने में निवेश को फायदे का सौदा मान रहे हैं.

मुंबई.  सोना वैसे तो ज्वैलरी के तौर पर संजने-संवरने में काम आता है लेकिन इसे बुरे वक्त का सहारा भी माना जाता है. इसीलिए यह निवेश का भी एक अच्छा विकल्प है. आज यानी 7 मई को अक्षय तृतीया है. ऐसे में अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो यह अच्छा मौका है. इसकी वजह है कि कई डॉमेस्टिक और ग्लोबल कारकों के चलते एक्सपर्ट मौजूदा वक्त में सोने में निवेश को फायदे का सौदा मान रहे हैं. उनका कहना है कि अगले 6 महीने में सोना 34500 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर जा सकता है. सोमवार को सोने का हाजिर भाव 32730 रुपये प्रति दस ग्राम पर था. इस तरह अगले छह महीने में करीब 1800 रुपये प्रति दस ग्राम का रिटर्न फिजिकल सोने की खरीद पर मिल सकता है.

केडिया कमोडिटी के प्रेसिडेंट अजय केडिया  का कहना है कि इस बार की अक्षय तृतीया पर गोल्ड की खरीदारी आगे चलकर बेहतर रिटर्न हासिल होने की गुंजाइश बना रही है. उनका कहना है कि फरवरी 2019 में गोल्ड की कीमत 34975 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. वहां से करीब 8 फीसदी गिरावट के बाद इस वक्त गोल्ड हाजिर बाजार में पिछले साल से काफी सस्ता है. लेकिन अगले 6 महीने में सोना फिर 34500 रुपये के भाव पर पहुंच जाएगा.

ट्रेड वॉर को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच फिर से बिगड़े हालात को देखते हुए लग रहा है कि ट्रेड वॉर और बढ़ सकती है. हालांकि ट्रेड वॉर का बढ़ना कहीं न कहीं गोल्ड की कीमतों में तेजी को सपोर्ट करेगा क्योंकि इससे गोल्ड इंपोर्ट प्रभावित हो सकता है. ऐसे में आगे चलकर सोने की कीमतों में तेजी आने के चांस हैं.

देशों के बीच में जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से इक्विटी मार्केट में गिरावट का मोड शुरू हुआ है. ऐसे में गोल्ड में निवेश बढ़ने लगता है. इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया जा रहा है. सामान्य मानसून से रूरल डिमांड को बढ़ावा मिलेगा.

केडिया के मुताबिक, गोल्ड में निवेश फिजिकल फॉर्म में किया जाए या बॉन्ड या ​ETF में यह परिदृश्य पर निर्भर करता है. उदाहरण के तौर पर ग्रामीण इलाकों में सोने की खरीद खपत के लिए की जाती है. वहां के लोग इसे ज्वैलरी या कॉइन यानी फिजिकल फॉर्म में खरीदना ज्यादा बेहतर मानते हैं. वहीं शहरी क्षेत्रों में गोल्ड को खपत से ज्यादा निवेश विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. लिहाजा शहर में गोल्ड ईटीएफ और फ्यूचर ट्रेडिंग का ट्रेंड रहता है.

इसके अलावा आप किस उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं, यह भी मायने रखता है. अगर आप निकट अवधि में शादी या किसी अन्य फंक्शन के लिए सोने पर खर्च करना चाहते हैं तो ​इसके लिए फिजिकल फॉर्म ही बेस्ट रहेगी. शॉर्ट टर्म अवधि के लिए बॉन्ड या ईटीएफ लेना फायदेमंद नहीं रहता है.

केडिया कहते हैं कि अगर आप सोने को निवेश विकल्प के तौर पर देख रहे हैं तो गोल्ड बॉन्ड और फ्यूचर ट्रेडिंग बेस्ट विकल्प हैं. बॉन्ड खरीदते हैं तो आपको गोल्ड ज्वैलरी की तरह उस पर मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता. गोल्ड बॉन्ड में केवल लॉक इन पीरियड होता है. साथ ही इसमें इंट्रेस्ट मिलता है और आप इसे कभी भी बेच सकते हैं.

  • अक्षय तृतीया पर बढ़ जाती है बिक्री

केडिया के मुताबिक, अक्षय तृतीया गोल्ड के लिहाज से एक बड़ा त्योहार है. इसलिए हर साल अक्षय तृतीया पर बिक्री में काफी इजाफा रहता है. आमतौर पर जो गोल्ड आयात 60-70 टन सोने का रहता है, वह अक्षय तृतीया को देखते हुए 100 टन तक पहुंच जाता है.