सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सेना के एक जवान को राजस्व अधिकारियों के भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दरअसल 9 साल पहले जवान ने सरस्वती नगर के कोटा इलाके में एक जमीन खरीदी थी. उसी जमीन को सरकारी बताकर जवान को भवन निर्माण करने से रोक दिया गया है. अब नौकरी छोड़ने के बाद भी जवान को न्याय नहीं मिल पाया है.

इसकी शिकायत जब कलेक्टर तक पहुंची, तो कलेक्टर सौरभ कुमार ने पीड़ित जवान के साथ सेना के पूर्व सैनिकों को भी बुलवाया. इस मौके पर संबंधित आरआई और पटवारी भी मौजूद थे. इसके बावजूद कलेक्टर मसले को सुलझाने में असफल रहे. उन्होंने जवान को सिर्फ आश्वासन ही थमा दिया और 7 दिन के भीतर इस मामले का निपटारा करने की बात कही है.

बता दें कि दिल्ली में तैनात जवान एन के वर्मा ने कोटा में एक हजार वर्गफीट जमीन वर्ष 2012 में खरीदी थी. इसके बाद से ही वे जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं. बीते 9 वर्षों से इस विवाद को सुलझाने में लगे हुए है. जवान की पत्नी ने कई दफा सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी काटी, लेकिन नतीजा शून्य रहा है.

अपने हालात से परेशान जवान ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया और नौकरी से रिटायरमेंट भी ले लिया. जवान का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने मामले में संज्ञान लिया. अफसरों को जमीन विवाद जल्द ही सुलझाने के निर्देश दिए. सीएम के निर्देश के बाद ही रायपुर कलेक्टर सक्रिय हुए और अवकाश के दिन भी दफ्तर पहुंचे. जवान की समस्या का समाधान करने की बात कही.

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