प्रतीक चौहान. रायपुर. यदि आप सोचते हैं कि घुटना प्रत्यारोपण (Knee Replacement) के महीनों बाद तक आपके पैरों में दर्द रहता है, चलने में दिक्कत होती है. तो समझ लीजिए कि आपने पुरानी तकनीक से अपना घुटना प्रत्यारोपण कराया है.
हम आज आपको घुटना प्रत्यारोपण (Knee Replacement) की उस नई तकनीक के बारे में बताने जा रहे है, जिससे प्रत्यारोपण के बाद मरीज 6 घंटे में केवल चलने लग जाता है, बल्कि थोड़े दिनों बाद डांस करने भी लगता है. Raipur Knee & Shoulder Clinic के डॉ प्रीतम अग्रवाल (Dr Pritam Agrawal) ने बताया कि इस नई तकनीक का नाम है Sub-vastus approach. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से अब तक छत्तीसगढ़ में केवल वहीं एक आर्थोपेडिक सर्जन है जो इससे घुटना प्रत्यारोपण करते है.
1500 से अधिक सफल घुटना प्रत्यारोपण कर चुके डॉ प्रीतम अग्रवाल (Dr Pritam Agrawal) से जब ये पूछा गया कि अन्य कोई डॉक्टर प्रदेश में इस तकनीक से ऑपरेशन क्यों नहीं करते ? तो उन्होंने बताया कि इस तकनीक से प्रत्यारोपण करने के लिए उन्होंने United Kingdom और फिर मुंबई से स्पेशल ट्रेनिंग ली है.
ये पूछे जाने पर कि तब तो खर्च भी ज्यादा आता होगा ? तो उन्होंने कहा- बिल्कुल नहीं. खर्च सामान्य ही है. डॉ अग्रवाल ने ये भी बताया कि इस तकनीक के अलावा प्रत्यारोपण वाली जगह पर Adductor canal block (ACB) लगाया जाता है, जिससे घुटने प्रत्योपण का दर्द मरीज को नहीं होता और इस तकनीक से प्रत्यारोपण के बाद फिजियोथैरेपी की भी जरूरत नहीं पड़ती और मरीज की रिकवरी भी काफी तेजी से होती है. इस तकनीक से प्रत्यारोपण के बाद मरीज को सीढ़ी चढ़ने-उतरने में भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता.
Raipur Knee & Shoulder Clinic राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा अस्पताल का ही हिस्सा है, जिसमें Knee & Shoulder के मरीजों के लिए विशेष रूप से शुरू किया जा रहा है.
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