Raipur News: प्रतीक चौहान. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में 2 करोड़ से अधिक के संदिग्ध ट्राजेक्शन सामने आए है. ये मामला सामने आने के बाद बैंक में हड़कंप मच गया है और अब इसकी जांच भी शुरू हो गई है. लल्लूराम डॉट कॉम को सूत्रों से पता चला कि बैंक में रोजाना ऐसे कई लोग पहुंच रहे है जिन्होंने वर्षों पहले फिक्स डिपाजिट (FD) करवाए थे, लेकिन जब वे विड्राल के लिए पहुंच रहे है तो उन्हें चक्कर लगवाए जा रहे है.

जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने भी इस गड़बड़ी की पुष्टि की है. उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा है कि 2017 के आस-पास फिक्सड डिपाजिट इंट्रेस्ट अकाउंट से गबन की पुष्टि जांच बैंक की जांच में हुई है, जिसमें 2 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और इस मामले में उन्होंने FIR के निर्देश दे दिए है. प्रारंभिक रूप से 52 लाख के गबन की पुष्टि हुई है. जिसमें कर्मचारियों ने गबन की बात स्वीकार की है. अध्यक्ष के मुताबिक कर्मचारियों से 38 लाख की रिकवरी भी कर ली गई है.

इस गबन की पड़ताल लल्लूराम डॉट कॉम ने शुरू की. पड़ताल में ये बात सामने आई कि 2019 में रिटायर्ड हो चुका एक स्टॉफ पिछले 1 हफ्ते तक बैंक में रोजना पहुंच रहा था और बैंक के कम्प्यूटर में काम करते उसे देखा जा रहा था. बैंक के ही एक और स्टॉफ का नाम सामने आया है जिन्होंने अपने साला (पत्नी का भाई) के बैंक खाते में करीब 90 लाख रूपए ट्रांसफर किए है.  

सूत्रों से पता चला है कि बैंक ने उक्त कर्मचारी के साथ एक अन्य कर्मचारी से 38 लाख रूपए की रिकवरी भी गुपचुप तरीके से की है. हालांकि बैंक के सीईओ प्रभात मिश्रा ने इस संदिग्ध ट्रांजेक्शन को लेकर अधिकृत राशि तो नहीं बताई, लेकिन उन्होंने जांच की बात कही.

बैंक में कुछ संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुए है, जिसकी जांच विजिलेंस टीम कर रही है. राशि कितनी है ये कह पाना अभी जांच पूरी होने तक संभव नहीं है. 1-2 दिनों में संदिग्ध ट्रांजेक्शन के राशि की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

प्रभात मिश्रा, CEO, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित