रायपुर. नगर निगम सामान्य सभा में सर्वसम्मति से संकल्प पारित हुआ. प्रॉपर्टी टैक्स में प्रोविजनल शब्द को विलोपित करके नया आदेश जारी होगा, लेकिन पुराने तरीके से ही टैक्स लिया जाएगा.

इसके पहले रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की सोमवार को हुई बैठक मेॆ फर्जी जीआईएस सर्वे और टैक्स निर्धारण को लेकर हुई जोरदार बहस में महापौर प्रमोद दुबे घिरे रहे. नगर निगम फर्जी जीआईएस करने वाली कंपनी को 2 करोड़ का भुगतान कर चुका है. सर्वे करने वाली दिल्ली कंसोर्टियम कंपनी और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर विपक्ष अड़ा रहा, जिसकी वजह से प्रश्नकाल शुरू नही हो पाया. सभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. वहीं भूपेश और राज्य सरकार के कामकाज को लेकर पार्षद भिड़े, बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई.

भाजपा पार्षदों ने विकास थमने का लगाया आरोप

निगम के सदन में महिला पार्षदों का हंगामा, अपनी जगह से उठकर सभापति के सामने खड़े होकर विरोध किया. महिला पार्षद प्रॉपर्टी टैक्स में जनता को राहत देने पर अड़ी हुई थीं. भाजपा पार्षदों ने कहा कि नगर में विकास के कार्य रुक गए हैं, किसानों के साथ कुठाराघात हुआ, किसानों को छला गया है. जवाब देते हुए नगर निगम अध्यक्ष वित्त विभाग अजीत कुकरेजा ने कहा यह किसानों की सरकार है, गरीबों की सरकार है, मजदूरों की सरकार है. भाजपा पार्षदों ने कहा कि न बिजली बिल हाफ हुआ और न संपत्तिकर.

सभापति भी संपत्ति कर को लेकर कंफ्यूज

प्रापर्टी टैक्स को लेकर सभापति प्रफुल विश्वकर्मा ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि टैक्स मामले की स्थिति महापौर स्पष्ट करें, क्योंकि मुझे भी कन्फ्यूजन है. पक्ष-विपक्ष टैक्स वसूली के तरीके और अस्पष्टता पर जमकर उलझे.

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