सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे धान खरीदी केंद्रों में ही धान खरीदी की प्रक्रिया काफी प्रभावित हो रही है. धान खरीदी केंद्र में धान का उठाव नहीं हो रहा है. केवल 40% ही धान का परिवहन हो रहा है. ऐसी स्थिति रही, तो धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी बंद करनी पड़ेगी. समिति में घटिया क्वालिटी का पुराना बारदाना दिया गया है. किसानों का कहना है कि यदि धान की खरीदी नहीं होती है, तो वो बिचौलियों और कोचियों के पास जाकर धान बेचेंगे.
सेजबहार समिति प्रबंधक विजय ठाकुर ने बताया कि बोरियाकला और सेजबहार धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी की प्रक्रिया अभी जारी है, लेकिन धान का उठाव नहीं हो रहा है. बारदाने की कमी और धान खरीदी केंद्रों में धान रखने की जगह अब ज्यादा नहीं बची है. इसलिए धान खरीदी को रोकना होगा. एक हफ्ते के लिए ही केंद्र में धान रखने की जगह बची हुई है. धान खरीदी एक दिसंबर से चालू हुआ है, लेकिन परिवहन की गति बहुत ज्यादा धीमी है. केवल 40% ही परिवहन हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में एक मोटा धान का उठाव बिल्कुल भी नहीं हुआ है. जिस वजह से सूखा आने की संभावना है और इसमें भी कर्मचारी को ही दोषी मानकर निलंबित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसलिए हमने इस संबंध में कलेक्टर और प्रशासन के अधिकारियों को पत्र लिखा है. लेकिन जवाब नहीं आया है. चबूतरा बनने से धान को नीचे से खराब होने से बचा लिया जाएगा, लेकिन धूप लगने से धान सूख जाता है. उसका वजन कम हो जाएगा. हमने शासन को पत्र भी लिखा है, लेकिन किसी प्रकार से विचार नहीं किया जा रहा है, जो बारदाना भेज रहे हैं वह भी खराब है. बारदाने की सिलाई करने का भी जिम्मा समिति प्रबंधकों को उठाना पड़ रहा है. जिस वजह से अतिरिक्त वर्कर काम पर लगाए जा रहे हैं. खराब बारदाने को वापस क़रने का ऑप्शन दिया जाए, लेकिन इस साल वापसी का ऑप्शन भी नहीं दिया गया.
धान खरीदी केंद्र पर मौजूद किसानों गोपाल का कहना है कि अगर धान खरीदी अचानक से बंद हो जाती है, तो हमें मंडी जाना पड़ेगा. 156 क्विंटल धान बेचने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी तक 80 क्विंटल धान की बिक्री हो पाई है. धान खरीदी केंद्र में धान की बिक्री बंद होती है, तो हम अपने धान को मंडी लेकर जाएंगे और मंडी में हमारे धान की बिक्री नहीं होती है, तो हम सोसायटी जाएंगे. वहां भी धान की खरीदी नहीं की जाती, तो हम कोचियों और बिचौलियों के पास जाकर धान बेचेंगे.