प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल में ठेकेदार ने रेलवे का 19 लाख दिए बिना ही पार्किंग छोड़ दी है. रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों के पास सिर्फ लिखित आश्वासन मौजूद है कि ठेकेदार ये राशि दे देगा. यानी रेल अधिकारी इस ठेकेदार को पहले भी संरक्षण देते रहे और अब भी संरक्षण दे रहे है. हालांकि रेल अधिकारियों का कहना है कि 3 महीने का समय होता है, इसमें ठेकेदार को राशि जमा करनी होती है. इस पूरे मामले में लल्लूराम डॉट कॉम ने 21 दिसंबर 2023 को रेलवे को आगाह किया था और नोटिस के बाद भी कार्रवाई न किए जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी.

दरअसल रायपुर रेलवे स्टेशन में गुढ़ियारी ओर की पार्किंग का ठेका सग्गू नाम के पार्किंग ठेकेदार को दिया गया था. ठेकेदार ने ठेका लेते वक्त करीब 10 से 12 लाख रूपए अनुमानित राशि रेलवे में बतौर सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा कराई. लेकिन रायपुर रेल मंडल के जिम्मेदार रेल अधिकारी सबकुछ जानकर भी अंजान बनते रहे और ठेकेदार की बकाया राशि धीरे-धीरे 30 से 35 लाख के करीब पहुंच गई.

रेलवे अधिकारी ठेकेदार को नोटिस देते रहे और उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. लल्लूराम डॉट कॉम के आगाह करने के बाद भी रेलवे नहीं जागा और 30 तारिख को रेलवे ने टर्मिनेशन की कार्रवाई आगे बढ़ाई और पार्किंग रेलवे ने खुद चलानी शुरू की.

अब सवाल ये है कि जब लाइसेंस फीस डिपाजिट अमाउंट से 19 लाख रुपए अधिक तक चले गई तब भी ठेकेदार को रेलवे अधिकारियों ने पार्किंग चलाने क्यों दिया ?

कहा है विजिलेंस ?

इस पूरे मामले में रेलवे का विजिलेंस डिपार्टमेंट भी संदेह के दायरे में है. सवाल ये है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी ही मॉनिट्रिंग करने की है तो उन्होंने भी पार्किंग के इस मामले में संज्ञान क्यों नहीं लिया और अब ठेकेदार के पार्किंग छोड़ने और चपत लगाने के बाद भी रेलवे इस मामले में जांच करेगी या नहीं ?

ठेकेदार के खिलाफ लगातार शिकायतें बढ़ गई थी. रेलवे ने ठेकेदार को 3 नोटिस दी, जिसके बाद ठेकेदार ने खुद गुढ़ियारी की पार्किंग छोड़ने का आवेदन दिया था. अब ये पार्किंग रेलवे चला रही है. ठेकेदार ने लिखित में दिया है कि वो 19 लाख की लाइसेंस फीस जमा करा देंगा

सीनियर डीसीएम, रायपुर रेल मंडल

21 दिसंबर को लल्लूराम ने किया था आगाह, ये है वो खबर