शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी को झकझोर देने वाले सूटकेस हत्याकांड में अब एक मानवीय पहलू सामने आया है। हत्या का शिकार हुए किशोर पैकरा का अंतिम संस्कार आज डीडी नगर थाना पुलिस की निगरानी में हिंदू धर्म की विधि-विधान के अनुसार कराया गया। मृतक किशोर पैकरा का कोई निकट संबंधी अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया।

ऐसे में प्रशासन ने संवेदनशीलता और मानवीय दायित्व निभाते हुए न केवल शव का पोस्टमार्टम करवाया, बल्कि पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी की।

जानकारी के अनुसार, किशोर की पहली पत्नी की पूर्व में मृत्यु हो चुकी थी, जबकि दूसरी पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। परिवार में एक बहन है जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है और एकमात्र भांजे ने शव लेने से साफ इनकार कर दिया।

यह घटना जहां एक ओर अपराध की क्रूरता को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर समाज में उपेक्षा और अकेलेपन की मार झेल रहे व्यक्तियों की वास्तविकता को भी सामने लाती है। पुलिस की यह पहल न केवल कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता दर्शाती है, बल्कि मानवता का एक सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।

जानिए आरोपियों ने कैसे दिया सूटकेस हत्याकांड को अंजाम

गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में 23 जून को सामने आए सूटकेस हत्याकांड से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले की गुत्थी सुलझाते हुए एडवोकेट दंपती समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक का नाम किशोर पैकरा (विकलांग युवक) है, जो की रायपुर के हांडी पारा में रहता था। आरोपियों ने 21 जून को इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेज-2 में उसकी बेरहमी से हत्या की थी।

हत्या की पूरी साजिश: पहले दोस्ती, फिर विश्वासघात

पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि पेशे से एडवोकेट आरोपी अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा ने मिलकर किशोर की हत्या की साजिश रची। किशोर शारीरिक रूप से अक्षम था और व्हीलचेयर पर निर्भर था। 21 जून को उसे बहाने से किराए के फ्लैट में बुलाया गया। वहां नहलाकर नाश्ता कराया गया और फिर नींद आने पर अंकित ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी, जबकि शिवानी ने उसके पैर पकड़े रखे। हत्या सुनिश्चित करने के लिए गले पर चाकू से वार भी किया गया।

48 घंटे तक फ्लैट में सड़ती रही लाश, फिर ट्रंक में भरकर फेंका गया

हत्या के बाद शव को सूटकेस में डालने की कोशिश की गई, लेकिन खून फैलने से सूटकेस खराब हो गया। लाश को 48 घंटे तक फ्लैट में रखा गया, फिर नया स्टील ट्रंक खरीदा गया और उसमें सीमेंट भरकर शव को बंद कर दिया गया। मदद के लिए अंकित ने अपने दो सहयोगियों विनय यदु (23) और सूर्यकांत यदु (21) को बुलाया। चारों ने मिलकर ट्रंक को एक पुरानी Alto कार में रखकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया।

प्रॉपर्टी विवाद बना हत्या की वजह

किशोर पैकरा और उनका हांडी पारा स्थित घर

जांच में पता चला कि किशोर ने अंकित के माध्यम से 30 लाख की जमीन बेची थी, जिसमें से अंकित को 2 लाख रुपये कमीशन मिला। बाद में उसने कोर्ट-कचहरी के नाम पर किशोर से और 10 लाख रुपये ठगे, लेकिन जब जमीनें नहीं बिकीं, तो किशोर ने पैसे वापस मांगे। अंकित की नजर किशोर के पास बचे 18 लाख रुपये और अन्य जमीनों पर थी, जिसे हथियाने के लालच में उसने हत्या की योजना बना डाली।

CCTV और स्टील ट्रंक बना सुराग

23 जून को लाश की दुर्गंध फैलने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। CCTV फुटेज में आरोपियों की Alto कार और ट्रंक की पहचान हुई। ट्रंक शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री से खरीदा गया था। वहीं दुकानदार के पास से मिली ऑनलाइन पेमेंट और बयान ने पुलिस को सीधे अंकित व शिवानी तक पहुंचा दिया।

दिल्ली भागने की कोशिश नाकाम, चारों आरोपी गिरफ्तार

हत्या के बाद दोनों आरोपी दिल्ली भागने की फिराक में थे। 23 जून की रात उन्होंने फ्लाइट बुक की और वहां किराए का मकान ढूंढ रहे थे। रायपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। वहीं विनय और सूर्यकांत को भी पकड़ा गया।

चारों को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, वहीं पुलिस ने सभी आरोपियों को आज मौके पर ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएशन कराया है। मामले में आरोपियों से पूछताछ जारी है।

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