रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 की अनुदान मांगों पर चर्चा में डॉक्टर शिव कुमार डहरिया ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा की. इस दौरान नगर विधायक शैलेष पांडेय ने सरकार के समक्ष पार्षदों के मानदेय बढ़ाने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि, जिला पंचायत अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व सदस्यों जनपद पंचायत अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, सदस्यों, सरपंचों और पंचों का मानदेय बढ़ाया गया है. विकास निधि में भी बढ़ोत्तरी की गई है. इस प्रकार पार्षदों का मानदेय और निधि बढ़ाया जाना चाहिए.

जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है. जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15,000 से बढ़ाकर 25,000, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10,000 से बढ़ाकर 15,000 और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है. उसके साथ ही जनपद पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 6000 से बढ़ाकर 10,000, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 से बढ़ाकर 6000 जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 5000, सरपंचों का भत्ता 2000 से बढ़ाकर 4000 और पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 कर दिया गया है. इसको ध्यान में रखते हुए नगर विधायक शैलेष पांडेय के द्वारा विधानसभा में नगर निगम के पार्षदों और एल्डरमैनों की निधि और मानदेय बढ़ाने की मांग शासन के समक्ष रखी.

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जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियों के कार्यों की त्वरित स्वीकृति जाने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि दोगुनी कर दी गई है. जिसे 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ किया गया है. जिला पंचायत अध्यक्षों हेतु 15 लाख उपाध्यक्ष हेतु 10 लाख और सदस्य हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना की स्वीकृति दी गई है. जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए 5 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 3 लाख और सदस्यों के लिए 2 लाख प्रति वर्ष की निधि स्वीकृत की गई है.

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आगे उन्होंने कहा कि, नागरिकों को उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाइयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिए 136 श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर की स्थापना की गई है. इस योजना के तहत अब तक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाइयों पर 10 करोड़ की छूट देते हुए 5 लाख 92 हजार नागरिकों को लाभान्वित किया है. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 14 नगर निगमों में 7 मोबाइल एंबुलेंस और दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है. योजना की सफलता को देखते हुए प्रदेश में समस्त नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी लागू करने की घोषणा की गई है.