रायपुर- कांग्रेस के स्टार प्रचारक राज बब्बर का माओवादियों के संबंध में पूछे गए सवाल पर दिया गया बयान चर्चाओं में है. दरअसल राज बब्बर ने रायपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अपने अधिकारों को लेकर जो लोग क्रांति के लिए निकल पड़े हैं, उन्हें रोक नहीं सकते. उन्होंने कहा कि- गोलियों के दम पर सब जगह फैसले नहीं होते. बंदूकों से फैसले नहीं होते. नक्सलियों के सवालों को एड्रेस करना पड़ेगा. आप उन्हें डराकर, चमकाकर क्रांति के जो लोग निकले हैं, उन्हें रोक नहीं सकते. यह मेरी राय है. मैंने अपनी इस राय को पार्टी के समक्ष भी व्यक्त किया है. राज बब्बर ने कहा कि मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो अभाव में होता है. जिनका अधिकार छिना जाता है, तो अधिकार पाने अपने प्राणों की बलि देते हैं. हालांकि राज बब्बर ने अपने बयान में यह भी कहा कि नक्सली गलत कर रहे हैं. नक्सलवाद का हल न तो उनकी बंदूकों से हल निकलेगा. न इधर की बंदूकों से निकलेगा. नक्सली मूवमेंट अधिकारों को लेकर शुरू हुआ है. इसे लेकर हमें बैठना पड़ेगा. जो लोग अपने मार्ग से भटक गए हैं. उन्हें खींचकर लाना होगा.

खुद के बयानों से उठ रहे सवालों पर सफाई देते हुए राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी लीडरशीप खो दिया है. मैंने जो कहा उसमें मेरे शब्दों से यह बात स्पष्ट नहीं हुई होगी. मैंने कहा कि आतंकवादी हरकत करके अपने आप को क्रांतिकारी कहने वाले भटके हुए लोगों के साथ यदि बात करना चाहे तो हल निकल सकता है. हम भी नहीं मानते हैं कि गोलियों से अधिकारों की बात हो सकती है. बीजेपी के लोग यह बात करते हैं कि मानसिक रूप से हम नक्सलवाद के साथ हैं. मानसिक रूप से बीजेपी बीमार है. जो कांग्रेस के बारे में यह कहती है कि नक्सलवादी हरकतों को लेकर हम पक्ष में हैं. हम कैसे पक्ष में हो सकते हैं कि हमारी पूरी लीडरशीप खत्म हो गई. ये क्रांतिकारी कहने वाले लोग बंदूकों के साए में खत्म होना चाहते हैं. क्रांतिकारी कहने वाले लोग बंदूके उठाकर आतंकवादी हरकतों में शामिल होंगे, तो कोई हल नहीं निकलेगा.

राज बब्बर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब से यह प्रदेश बना या तो यहां कोई कलेक्टर मिला या तो डाॅक्टर मिला. कलेक्टर ने क्या किया यह तो आपके सामने है. जनता ने कलेक्टर का तबादला भी कर दिया. राज बब्बर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि डेवलपमेंट इडेक्स पर 21 राज्यों के सर्वे में छत्तीसगढ़ 20 वें नंबर पर रहा है. यह ऐसा प्रदेश हैं, जहां के मुख्यमंत्री खुद डाॅक्टर हैं. लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि डाॅक्टर साहब आ गए हैं. छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा. लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य का आईसीयू में है.

राज बब्बर ने कहा कि यहां गरीबी ज्यादा है, मजदूर ज्यादा है. ऐसे प्रदेश के भीतर स्वास्थ्य सुविधाओं को तहस नहस किया जा रहा है. यहां के स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साजिशें की है. नया रायपुर में कैंसर हाॅस्पीटल बना भी, लेकिन एग्रीमेंट के मुताबिक गरीबों का निशुल्क इलाज किया जाना था, लेकिन ऐसी कौन सी मुसीबत आ गई कि गरीबों के निशुल्क इलाज का हक छिन लिया गया. एग्रीमेंट बदल दिया गया. आज गरीब को इलाज कराने दर दर की ठोकर खानी पड़ रही है. सरकार अस्पतालों में हालात ऐसे हो गए हैं कि जो महिलाएं नसबंदी के लिए जाती हैं, उन महिलाओं को मौत का सामना करना पड़ता है. सही इलाज न होने की वजह से उनकी जान चली गई. उन्होंने कहा कि सुपेबेड़ा में इससे ज्यादा संवेदनहीनता क्या हो सकती है कि 170 लोगों की किडनी फेल हो जाती है, लेकिन सरकार के पास इतनी फुर्सत नहीं कि वह सुपेबेड़ा जाती.

स्टार प्रचारक बब्बर ने छत्तीसगढ़ में अंडर द टेबल दोस्ती हो गई है. दोस्ती भी हुई है, तो कलेक्टर से. छत्तीसगढ़ में सरकार ब्यूरोक्रेट के आशीर्वाद से पनपने आ रही है. आज भी यह कोशिश जारी है. हम यह गुहार करने आए हैं कि कलेक्टर और डाॅक्टर की सांठगांठ से प्रदेश को बचाइए. चरमराई व्यवस्था से प्रदेश को बाहर निकालने का काम कीजिए. राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस हर तरीके से ताकतें लगा रही है, लेकिन जो तांकते खरीद-फरोख्त की इनके पास है, वह कांग्रेस के पास नहीं है.

योगी आदित्यनाथ पर बोले राज बब्बर

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के छत्तीसगढ़ दौरे पर भी राज बब्बर जमकर बोले. उन्होंने कहा कि वैसे तो मैं भगवा का सम्मान करता हूं. प्रणाम भी करता हूं, लेकिन यहां कोई नहीं मिला तो यूपी के बाबा को बुला लिया. कम से कम बाबा का चेहरा जान लेते. अभी हाल ही में उनके गृहक्षेत्र में 70 बच्चों की जान चली गई, लेकिन वह मूक तमाशा देखते रहे. हरदोई और बरेली में जिस तरह से बच्चों की जान जा रही है, परिवार बिलख रहा है. उनके इलाज का कोई बंदोबस्त नहीं है. गोरखपुर में सरकारी अस्पताल खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि बाबा जी के ट्रस्ट का 500 बिस्तर का अस्पताल बनने वाला है. राज बब्बर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं का पोस्टमार्टम करने का मौका मुझे मिला है. यह राजनीतिक बात नहीं है. यह मानवीय है. समाजिक है. यह सत्ता में बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी है. प्रदेश इसका जवाब देने तैयार है. ये लोग वोट बांटना चाहते हैं. कांग्रेस लोगों के बीच उनके हौसलों को बुलंद करना चाहती है.

नाम लिए बगैर अजीत जोगी पर टिप्पणी

इधर राज बब्बर ने कलेक्टर और डाॅक्टर की सांठगांठ के आरोंपों के बीच अजीत जोगी का नाम लिए बगैर भी कड़ी टिप्पणी की और कहा कि जो व्यक्ति सक्षम नहीं था. कांग्रेस को उसका भार भी सहना पड़ा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ राज्य गठन के बाद से 2003 तक राज्य में अजीत जोगी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे.