Rajasthan crisis: कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने मंगलवार शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंपी. सोनिया गांधी ने सोमवार को दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को लिखित रिपोर्ट देने को कहा. सूत्रों का कहना है कि माकन ने मंगलवार शाम ईमेल के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट दी. फिलहाल इस रिपोर्ट की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है.

हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनहीनता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उनमें मुख्य सचेतक महेश जोशी का नाम शामिल है. इसके अलावा दो और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई संभव है.

सूत्रों ने यह भी बताया कि जोशी के अलावा कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल और विधायक धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है. इन तीनों नेताओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है.

जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं होने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौट आए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों ने वस्तुतः विद्रोही रुख अपनाया और कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पर सोनिया गांधी से मुलाकात की.

कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद माकन ने कहा था कि रविवार शाम को जयपुर में विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी.

माकन ने संवाददाताओं से यह भी कहा था, ”मैंने और खड़गे जी ने सोनिया जी को राजस्थान के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया. कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरी घटना पर लिखित रिपोर्ट मांगी है. हम आज रात या कल सुबह तक यह रिपोर्ट देंगे.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर एक बैठक की और वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने के लिए इस्तीफा देने गए.

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