जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अचानक इलाज करवा रहे एईएन हर्षाधिपति वाल्मीकि से मिलने जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुंचे. एईएन हर्षाधिपति से मिलने के बाद मलिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार जघन्य अपराध करने वाले ऐसे लोगों के लिए नए प्रावधानों पर विचार करने की कोशिश करेगी. यह एक बहुत बड़ी घटना थी. ऐसी घटना के बाद उनकी जान बच गई. इस घटना के गंभीर होने के बाद से बीजेपी ने राजस्थान की राजनीति में एक खराब उदाहरण पेश किया है, जिसकी कड़ी आलोचना हुई और उन्होंने उस व्यक्ति को बीजेपी में शामिल कराया, और उसे (गिर्राज सिंह मलिंगा) टिकट दिया. देखिए अपनी सरकार को सत्ता में लाने के लिए बीजेपी इतनी नीचे कैसे गिर गई.
दरअसल, हर्षाधिपति को पिछले साल धौलपुर में बाड़ी के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर बेरहमी से पीटा था. कांग्रेस विधायक मलिंगा को इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया है. वाल्मीकि अभी चल फिर नहीं सकते. उनसे मुलाकात के बाद खड़गे और गहलोत ने मलिंगा को टिकट देने के लिए भाजपा पर निशाना साधा. खड़गे ने कहा कि इस घटना की वजह से कांग्रेस ने अपने ही विधायक मलिंगा को टिकट नहीं दिया तो वह भाजपा में शामिल हो गए और उसी दिन उन्हें टिकट मिल गया.
बता दें कि धौलपुर जिले के बिजली विभाग के बाड़ी कार्यालय में दो इंजीनियर के साथ कथित तौर पर मारपीट के बाद पिछले साल मार्च में मलिंगा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में उन्होंने जयपुर में पुलिस आयुक्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
उल्लेखनीय है कि धौलपुर जिले में बिजली विभाग के बाड़ी स्थित कार्यालय में 2 अभियंताओं के साथ मारपीट के मामले में कांग्रेस के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा व वर्तमान में भाजपा बारी प्रत्याशी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ 29 मार्च 2022 को मामला दर्ज किया गया था. इन सभी पर आरोप है कि विधायक मलिंगा, एक स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि और 5-6 अन्य लोग ने डिस्कॉम के कार्यालय में आए और एईएन हर्षाधिपति और जेईएन नितिन गुलाटी के साथ बुरी तरह से मारपीट की थी. उन्हें जातिसूचक गालियां निकालीं थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने जिला पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए, जबकि नजदीकी इलाके के अंचल अधिकारी और थाना अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था. जब बीजेपी ने मलिंगा को टिकट दिया तो दलिज समाज नाराज हो गया, जिसके बाद समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख मलिंगा को हटाने की मांग की थी.
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